बीकानेर:-बीकानेर के खारा में युवक की हत्या के मामले में बीकानेर बंद की घोषणा करने के एक घंटे के भीतर पुलिस और प्रशासन ने आंदोलनकारियों की सभी मांगें स्वीकार कर ली। हालांकि इस मामले में मुख्यमंत्री सचिवालय को हस्तक्षेप करना पड़ा, जिसके बाद चारों मांगों पर सहमति बन गई। नरेंद्र सिंह की हत्या के बाद अब उसके परिजनों को 26 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। पत्नी को एक प्राइवेट सोलर प्लांट में नौकरी देने के साथ ही थानेदार को निलंबित करने के लिए एसपी प्रदेश के डीजीपी को अनुशंसा करेगी।
बीकानेर में पीओपी की फैक्ट्री में युवक की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के दूसरे दिन भी परिजन ने शव नहीं उठाया है। अब मंगलवार सुबह शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। परिजन सरकारी नौकरी, मुआवजे और आरोपियों की गिरफ्तार की मांग को लेकर पीबीएम हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी के बाहर धरने पर बैठे थे। बाद में ये धरना मोर्चरी से म्युजियम सर्किल पहुंच गया, जहां नेशनल हाइवे जाम कर दिया गया है। मांगों पर सहमति नहीं बनने पर सोमवार दोपहर करीब 3 बजे बीकानेर-जयपुर स्टेट हाईवे जाम कर दिया जो शाम छह बजे तक बंद रहा।
दरअसल, कालासर निवासी नरेंद्र सिंह (32) पुत्र गिरधारी सिंह का शव रविवार सुबह 10 बजे खारा इंडस्ट्रियल एरिया में पीओपी की फैक्ट्री में मिला था। मामले में परिजन ने हत्या का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया है।
एसपी तेजस्विनी गौतम ने बताया- फैक्ट्री के अंदर रहने वालों और नरेंद्र सिंह के बीच विवाद हुआ था। एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। प्राथमिक पूछताछ में मोबाइल चुराने की बात सामने आ रही है। जामसर थानाधिकारी को लाइन हाजिर कर दिया गया। अब परिजन निलंबन की मांग पर अड़े हैं।
राजेंद्र राठौड़ और सीएमओ हस्तक्षेप के बाद बंद वापस
बीकानेर के हालात पर मुख्यमंत्री कार्यालय की पूरी नजर रही। इस बीच भाजपा नेता और पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री के सचिव शिखर अग्रवाल से इस मुद्दे पर चर्चा की। अग्रवाल ने बाद में जिला प्रशाासन के अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। तब आंदोलन की मांगों पर गंभीरता से काम हुआ। भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह शेखावत ने पूरे हालात से राठौड़ को अवगत कराया था।
इन मांगों पर सहमति
प्रशासन ने मृतक नरेंद्र सिंह की पत्नी को संविदा पर एनटीपीसी सोलर प्लांट में नौकरी देने के साथ ही 26 लाख रुपए का मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। इसमें 21 लाख रुपए प्रशासन के सहयोग से दिया जाएगा, वहीं शेष राशि पांच लाख रुपए सामाजिक स्तर पर एकत्र होगी। थानेदार को निलंबित करने के लिए पुलिस अधीक्षक की ओर से डीजीपी को अनुशंसा की जाएगी। वहीं हत्या के आरोपियों को दो दिन में गिरफ्तार किया जाएगा।
शव नहीं उठाने पर अड़े
परिजन और ग्रामीणों ने रविवार को मौके से शव नहीं उठाने दिया। आरोप लगाया कि युवक की हत्या कर आरोपी भाग गए और पुलिस पकड़ नहीं पा रही है। ऐसे में आरोपियों के गिरफ्तार होने के बाद ही शव को उठाया जाएगा। रविवार देर शाम आश्वासन के बाद शव को पीबीएम हॉस्पिटल ले जाया गया।
पोस्टमार्टम हुआ, शव नहीं उठाया
पीबीएम हॉस्पिटल में आज सुबह पोस्टमार्टम करवाया गया। इसके बाद परिजन ने शव लेने से मना कर दिया। उनका कहना है कि जब तब मांग नहीं मानी जाएगी, शव नहीं उठाया जाएगा। धरने पर आज भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह शेखावत, भगवान सिंह मेड़तिया और कांग्रेस नेता प्रहलाद सिंह मार्शल भी पहुंचे।
सुरेंद्र सिंह शेखावत ने आरोप लगाया कि पुलिस पूरे मामले में लापरवाह रही है। सुबह 10 बजे घटना का पता चलने के बाद भी पुलिस ने हत्या करने वालों को भागने दिया। कार्रवाई की बात की गई तो थानेदार को महज लाइन हाजिर कर दिया। हम उसके निलंबन की मांग कर रहे हैं।
बीकानेर-जयपुर हाईवे पर लगाया जाम
मांगों पर सहमति नहीं बनने पर परिजन और ग्रामीण सोमवार दोपहर बीकानेर-जयपुर स्टेट हाईवे पहुंच गए। यहां पर जाम लगा दिया और टायर जलाकर हंगामा किया। भाजपा नेता भगवान सिंह मेड़तिया ने कहा- एसएचओ ने मिलीभगत से सारे साक्ष्य मिटा दिए। डीवीआर तक गायब करवा दी।
पुलिस-प्रशासन और परिजन-ग्रामीणों के बीच वार्ता विफल हो गई है। प्रशासन की ओर से वार्ता के लिए बीकानेर एसडीएम किरण गोदारा और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्यारे लाल शिवराम पहुंचे। दूसरी तरफ भाजपा नेता जालम सिंह भाटी, सुरेंद्र सिंह भाटी, भगवान सिंह मेड़तिया, श्याम सिंह हाड़ला भी मौजूद रहे।
ये हैं मांग
- थानेदार को निलंबित करें।
- मृतक के परिजन को सरकारी नौकरी दी जाए।
- मुआवजा दिया जाए।
- हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार करें।
फैक्ट्री मालिक को मोबाइल चोरी का शक था
मृतक के भाई गोपाल सिंह ने फैक्ट्री मालिक रामप्रताप, उसके पिता किशनलाल, मुकेश, भागीरथ, किशन, गिरधारी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। प्राथमिकी के अनुसार मृतक खारा में लकड़ी का काम करता था। फैक्ट्री मालिक को नरेंद्र पर मोबाइल चोरी करने का शक था। वह उसे कई दिनों से परेशान कर रहा था। शनिवार देर रात नरेंद्र यह बात घर पर बताकर फैक्ट्री पर गया था। घटना वाले दिन उसका तीसरे भाई सवाई सिंह के पास कॉल गया। फोन पर चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। आवाज सुनकर हम गाड़ी लेकर फैक्ट्री पहुंचे तो नरेंद्र मृत पड़ा मिला।
जांच की निष्पक्षता पर पड़ सकता है असर
इस बात का भी विरोध हो रहा है कि हत्या के मामले में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है। वे सभी श्रीडूंगरगढ़ के गांव के रहने वाले हैं। ऐसे में जांच भी श्रीडूंगरगढ़ थानाधिकारी को दी गई है। इससे जांच की निष्पक्षता पर असर पड़ सकता है।