आबू रोड : ब्रह्माकुमारीज संस्थान के 85वें वार्षिकोत्सव और दीपावली स्नेह मिलन समारोह मंगलवार को शांतिवन में आयोजित हुआ। इसमें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ ने भाग लिया। उन्होंने दीप प्रज्जवलन कर वार्षिकोत्सव का आगाज किया।
ब्रह्माकुमारीज संस्थान के 85वें वार्षिकोत्सव और दीपावली स्नेह मिलन समारोह मंगलवार को शांतिवन में आयोजित हुआ। इसमें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ ने भाग लिया। उन्होंने दीप प्रज्जवलन कर वार्षिकोत्सव का आगाज किया। इस दौरान सशक्त, समृद्ध और स्वर्णिम भारत विषय पर आयोजित विशेष कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो विश्व के कल्याण की बात कर रहा है। भारत विश्वगुरु था और फिर से एक दिन निश्चित रूप से विश्व गुरु बनेगा। जिसका हमने सपना देखा था वह जल्द ही साकार होगा। उन्होंने कहा, हमारी शैक्षणिक संस्थाओं ने दुनिया का मार्ग प्रशस्त किया है। दुनिया के इतिहास में सच्चाई और शांति का संदेश देने वाला भारत के अलावा और कोई राष्ट्र नहीं है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े संकट कोरोनाकाल में भी भारत ने अपने सांस्कृतिक मूल्यों का ध्यान रखते हुए पूरी दुनिया की सेवा की। अर्थव्यवस्था में भारत ने छलांग लगाकर दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था बना। इसमें कोई संदेह नहीं कि हम जल्द ही एक दशक के अंदर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि यह दिन मुझे सदा याद रहेगा। जीवन की सच्चाई अंदर है। ब्रह्माकुमारीज में आकर भारतीय दर्शन की सोच के दर्शन होते हैं। दुनिया का कोई भी भू-भाग नहीं है जहां पर ब्रह्माकुमारीज की उपस्थिति न हो। यह उपस्थिति कोई भूगोल से जुड़ी नहीं बल्कि आध्यात्म की उपस्थिति है। यहां जो राजयोग की बात कही गई वह अमिट है और आज विश्व की आवश्यकता है। कम शब्दों में यहां जो बताया वह गीता का सार है। इस दौरान संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन, संस्थान कार्यकारी सचिव डॉ. बीके मृत्युंजय, मीडिया निदेशक बीके करुणा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस संस्थान का उद्देश्य लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है।