जयपुर:-विधायकों को हाेटल रुकवाने के मामले में किशनगंज विधायक ललित मीणा के पिता हेमराज मीणा ने वसुंधरा राजे के बेटे और सांसद दुष्यंत सिंह पर बड़ा आरोप लगाया है। पूर्व विधायक हेमराज ने कहा कि मेरे बेटे और झालावाड़-बारां के विधायकों को सांसद दुष्यंत जयपुर लेकर आए थे। शाम को जब ललित घर नहीं लौटा तो मैंने उससे बात की। उसने कहा कि मैं सीकर रोड पर एक रिसोर्ट में हूं। ये लोग मुझे यहां से नहीं आने दे रहे हैं।
उधर, दिल्ली से खबर आ रही है कि बीजेपी जल्द पर्यवेक्षक की घोषणा कर सकती है। इनमें एक केंद्रीय मंत्री और एक संगठन पदाधिकारी को शामिल किया जा सकता है।
र्व विधायक हेमराज मीणा ने कहा- बेटे को रिसोर्ट में रोके जाने की जानकारी मिलते ही मैं भी वहां पहुंच गया। मैंने इस बारे में प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और संगठन महामंत्री चंद्रशेखर को बताया। उसके बाद सीपी जोशी भी मौके पर पहुंचे, लेकिन वहां पर अंता विधायक कंवरलाल मीणा ने हमें ललित को लाने से रोका। उसने कहा कि सांसद दुष्यंत से बात करो और उसके बाद ही इसे लेकर जाओ। मैंने दुष्यंत सिंह को फोन लगाया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। उन्होंने हमसे जबरदस्ती की। उसके बाद हम ललित को लेकर आ गए।
सूत्रों के अनुसार मंगलवार देर रात सीकर रोड पर एक होटल में भाजपा के 5-6 विधायक ठहरे थे। इनमें किशनगंज विधायक ललित मीणा भी थे। साथी विधायकों की बातें और हाव-भाव देख ललित को शक हुआ कि पार्टी के किसी बड़े नेता के इशारे पर लॉबिंग हो रही है, क्योंकि वे कोटपूतली से आगे किसी होटल में जाने की बात कर रहे थे।
ललित ने अपने पूर्व विधायक पिता और पार्टी के कुछ नेताओं से बात की। इसके बाद पिता खुद होटल पहुंचे और बेटे ललित को ले आए। ललित ने प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं को घटनाक्रम की जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार इसके बाद विधायकों के मूवमेंट पर नजर बढ़ा दी गई है। वहीं, बुधवार को प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी और संगठन महामंत्री चंद्रशेखर विधायकों से मिलकर चर्चाएं करते रहे।
प्रदेशाध्यक्ष बोले- मुझे मामले की जानकारी नहीं
मामले को लेकर प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा- होटल वगैरह की बात मुझे नहीं पता, लेकिन यह सच है कि ललित मीणा के पिता से मंगलवार शाम मेरी मुलाकात हुई थी। मैं पिछले 24 घंटे में 32 से अधिक विधायकों से मिला था। प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा- मुझे ध्यान नहीं है और यह कोई खास बात नहीं है। यह जरूर कहूंगा कि कार्यकर्ताओं और विधायकों के लिए पार्टी कार्यालय मंदिर की तरह है और यहां आस्था रखी जानी चाहिए।
नड्डा से मिलेंगी वसुंधरा
राजस्थान में नया मुख्यमंत्री कौन? इसे लेकर जयपुर से दिल्ली तक हलचल चल रही है। 3 सांसदों के इस्तीफे के बाद तिजारा से विधायक चुने गए महंत बालकनाथ ने भी इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद संसद में उन्होंने अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस्तीफा देने से पहले उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता ओम माथुर से भी मुलाकात की थी। विधायक बालकनाथ ने इस्तीफा देने के बाद संसद में अमित शाह और जेपी नड्डा से की मुलाकात।
वसुंधरा राजे आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगी। वे बुधवार रात करीब साढ़े 10 बजे जयपुर एयरपोर्ट से निकली थीं। हालांकि दिल्ली बुलाने के कयासों के बीच वसुंधरा ने एयरपोर्ट पर कहा- मैं बहू से मिलने जा रही हूं।
विधायक बने सभी सांसदों का इस्तीफा हो चुका
विधायक बने भाजपा के चारों सांसदों का इस्तीफा हो चुका है। इनमें दीया कुमारी, किरोड़ीलाल मीणा, महंत बालकनाथ और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ शामिल हैं।
बीजेपी में पहला मौका जब सीएम पद को लेकर असमंजस
राजस्थान बीजेपी में यह पहला मौका है, जब मुख्यमंत्री को लेकर असमंजस बना हुआ है। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। बीजेपी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करके ही चुनाव लड़ती रही है, इसलिए कभी नतीजे आने के बाद असमंजस नहीं हुआ। पहले भैरोंसिंह शेखावत बीजेपी के सीएम चेहरे हुआ करते थे। 2003, 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों में वसुंधरा राजे पहले से सीएम चेहरा घोषित थीं, इसलिए असमंजस नहीं हुआ था।
2003 और 2013 में वसुंधरा राजे का पहले से ही सीएम बनना तय था, इसलिए नतीजे आने के बाद ही सीएम की शपथ का टाइम तय हो जाता था, विधायक दल की बैठक में नाम की घोषणा केवल औपचारिकता ही रहती थी। दोनों ही बार वसुंधरा राजे ने 13 दिसंबर को शपथ ली थी।
ये 8 विधायक राजे और सीपी जोशी दोनों से मिले थे
इनमें 8 विधायक ऐसे भी थे जो पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी दोनों से मंगलवार को मुलाकात की थी। इनमें जोगाराम पटेल, अर्जुनलाल गर्ग, गुरवीर सिंह, शंकर सिंह रावत, गोपीचंद मीणा, बहादुर सिंह कोली, विजय सिंह चौधरी और मंजू बाघमार थे।