उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सवाल उठाया है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) कैसे CBI निदेशक या मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के चयन पैनल का हिस्सा हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि न्यायिक सक्रियता और अतिक्रमण के बीच की रेखा भले ही पतली हो, लेकिन इसका लोकतंत्र पर गहरा असर पड़ता है। धनखड़ ने शुक्रवार को भोपाल में नेशनल ज्यूडिशियल एकेडमी में एक सभा को संबोधित करते हुए यह बयान दिया।
CBI निदेशक की नियुक्ति प्रक्रिया
CBI निदेशक की नियुक्ति दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट एक्ट, 1946 के तहत होती है। इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की जाती है, जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) शामिल होते हैं।
सरकार ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया बदली
पहले मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की नियुक्ति भी इसी प्रक्रिया से होती थी। लेकिन केंद्र सरकार ने दिसंबर 2023 में एक नया कानून लाकर इसमें बदलाव किया। अब CEC की नियुक्ति प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और एक केंद्रीय मंत्री की समिति करेगी। CJI को इस पैनल से हटा दिया गया है।
CJI को पैनल से बाहर रखने पर विवाद
- मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि CEC चयन पैनल में CJI की भागीदारी जरूरी है, ताकि सरकार पर अंकुश रखा जा सके।
- दिसंबर 2023 में केंद्र सरकार ने एक नया कानून लाकर CJI को चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया।
- यह विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में पारित हो गया, जिसके बाद विपक्ष ने इसका विरोध किया।
मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 19 फरवरी को
कांग्रेस कार्यकर्ता जया ठाकुर ने इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। यह मामला पहले 12 फरवरी को सुना जाना था, लेकिन सूचीबद्ध नहीं हो सका। अब इस पर 19 फरवरी को सुनवाई होगी।