हरियाणा विधानसभा चुनाव के 30 दिन पहले रेसलर विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया शुक्रवार, 6 सितंबर को कांग्रेस में शामिल हो गए। विनेश का जुलाना सीट से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। वहीं, बजरंग के भी चुनाव लड़ने की अटकलें हैं।
इससे पहले दोनों कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उनके आवास पर मिले और फिर कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। राज्य में एक फेज में 5 अक्टूबर को मतदान होगा। रिजल्ट 8 अक्टूबर को आएगा। कांग्रेस में शामिल होने से पहले विनेश और बजरंग ने रेलवे की नौकरी छोड़ दी। दोनों ओएसडी स्पोर्ट्स के पद पर थे।
विनेश फोगाट ने कहा- बुरे टाइम पर पता लगता है कि साथ में कौन है
‘सबसे पहले तो मैं देशवासियों और मीडिया का धन्यवाद करना चाहती हूं। कांग्रेस पार्टी का बहुत धन्यवाद करती हूं कि बुरे टाइम पर पता लगता है कि साथ में कौन है। एक समय जब देश की हर पार्टी हमारे साथ थी, लेकिन बीजेपी साथ नहीं थी। महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय और बुरे बर्ताव के खिलाफ खड़ी है। जो दर्द हमने सहा है कि हम उन सभी महिलाओं के साथ हैं। बीजेपी ने हमें ये साबित करने की कोशिश की कि हम जले हुए कारतूस हैं, मैं नेशनल खेली। लोगों ने कहा कि मैं बिना ट्रायल दिए ओलिंपिक जाना चाहती हूं, लेकिन मैंने ट्रायल दिया। जो मैंने फेस किया, मैं चाहती हूं कि बाकी खिलाड़ियों को न झेलना पड़े। बजरंग पर चार साल का बैन लगा दिया। ये सिर्फ इसलिए किया, क्योंकि उन्होंने आवाज उठाई। हम जी-जान से काम करेंगे, सिर्फ बात नहीं करेंगे। मैं अपनी बहनों को बताना चाहती हूं कि मैं आपके साथ खड़ी रहूंगी।’
बजरंग पूनिया बोले- कांग्रेस पार्टी हमारे साथ खड़ी रही
‘आज कहा जा रहा है कि हमारा मकसद सिर्फ राजनीति करना था। हमने उन्हें (बीजेपी) लेटर भेजा था। जो अत्याचार बेटियों के साथ हुआ था, कांग्रेस पार्टी हमारे साथ खड़ी रही। हमने जितनी मेहनत कुश्ती, किसान आंदोलन, अपने आंदोलन में की, उतनी ही मेहनत यहां भी करेंगे। विनेश के साथ ओलिंपिक में जो हुआ, पूरा देश दुखी था, हालांकि कुछ लोग खुशी मना रहे थे। ये गलत था। जैसा की विनेश ने कहा कि हम सभी देश की बेटियों के साथ हैं।’
साक्षी मलिक बोलीं- यह दोनों का पर्सनल फैसला
- साक्षी मलिक ने कहा, ‘यह उनका पर्सनल फैसला है। कहीं न कहीं हमें त्याग करना पड़ेगा। बाकी जो हमारा आंदोलन था, उसको गलत रूप न दिया जाए। मैं अभी भी उस पर डट कर खड़ी हूं। मेरे पास भी ऑफर आए हुए हैं, लेकिन मेरा मानना है कि जिस चीज से मैं जुड़ी हुई हूं, मैं उसको आखिर तक लेकर जाऊंगी। रेसलिंग में जब तक बहन-बेटियों का शोषण खत्म नहीं हो जाता, मेरी लड़ाई जारी रहेगी।’
- मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा, ‘दोनों कांग्रेस की राजनीति का शिकार हुए हैं। हमने विनेश को सम्मान दिया। हमारी बेटी हमारी शान है।’
- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विनेश और बजरंग से मुलाकात करने के बाद सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा कि चक दे इंडिया, चक दे हरियाणा! हमें आप दोनों पर गर्व है।
जुलाना सीट से विनेश की टिकट तय, बजरंग को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है
- विनेश फोगाट विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। जींद जिले की जुलाना सीट से विनेश की टिकट तय मानी जा रही है। हालांकि, यहां से विनेश की चचेरी बहन बबीता फोगाट को भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। ऐसे में अब दादरी सीट का विकल्प भी विनेश के लिए खुला है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि विनेश 11 सितंबर को नामांकन करेंगी।
- बजरंग पूनिया को स्टार प्रचारक का जिम्मा मिल सकता है। बजरंग झज्जर की बादली सीट मांग रहे थे। कांग्रेस ने यहां से मौजूदा विधायक कुलदीप वत्स का टिकट काटने से इनकार कर दिया। बजरंग को संगठन में भी पद दिया जा सकता है। वह पूरे हरियाणा में प्रचार करेंगे।
- कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, विनेश फोगाट को 3 सीटों का ऑफर दिया गया था, उनमें पहली 2 सीटें चरखी दादरी की दादरी और बाढड़ा थी, जबकि तीसरा ऑप्शन जींद की जुलाना सीट का दिया गया। जहां उनका ससुराल है।
- बजरंग पूनिया झज्जर की बादली सीट मांग रहे थे, लेकिन वहां कांग्रेस के पास मजबूत चेहरा कुलदीप वत्स हैं। इसके अलावा बजरंग को भिवानी, बहादुरगढ़ और सोनीपत की राई सीट का भी विकल्प दिया गया था।अभी दोनों पहलवानों की टिकट फाइनल करने के लिए शाम को केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग में मुहर लगाई जाएगी।
2 दिन पहले राहुल गांधी से मिले थे दोनों रेसलर
विनेश और बजरंग ने 4 सितंबर को दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की थी। राहुल से मिलने के बाद वे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मिले थे। इसके बाद मीटिंग में क्या चर्चा हुई, कांग्रेस ने इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
भूपेंद्र हुड्डा टिकट की कर रहे थे पैरवी कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग में भूपेंद्र हुड्डा ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को टिकट देने की पैरवी की है। हुड्डा ने कहा था कि पहलवानों के साथ खड़े होने से हरियाणा में लोगों का समर्थन कांग्रेस के पक्ष में आएगा। केंद्रीय चुनाव समिति ने इसके लिए चर्चा के बाद हामी भर दी थी। हालांकि, चुनाव लड़ने या न लड़ने और सीट चुनने का फैसला विनेश और बजरंग पर छोड़ दिया था।