नेत्रदान के साथ-साथ अंगदान और देहदान के क्षेत्र में कार्य कर रही संभाग की एकमात्र संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन ने आज शनिवार को हाड़ौती संभाग में संस्था के द्धारा अब तक कराये गये देहदान करने वाली पुण्यात्माओं के सम्मान में जवाहर नगर,कोटा स्थित कार्यालय में देहदानियों को समर्पित “वाल ऑफ इंटर्नल सोल”का अनावरण शहर के प्रमुख उद्योगपति, समाजसेवी गोयल प्रोटीन्स के संस्थापक श्री ताराचंद गोयल व मलिक ट्रेडर्स के संस्थापक अनुराग मलिक के कर कमलों से सम्पन्न हुआ ।
ज्ञात हो की संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन नैत्रदान के क्षेत्र में पिछले 11 वर्षों से अनवरत कार्य कर 950 पुण्यात्माओं नक नैत्रदान अभी तक प्राप्त कर चुकी है । देहदान के क्षेत्र में भी पिछले 3 वर्षों में 20 पुण्य-आत्माओं के देहदान हाड़ौती संभाग और देश के अन्य राज्यों के मेडिकल कॉलेज में सम्पन्न हुये है । इसके साथ ही 200 से अधिक शहरवासियों ने देहदान का संकल्प पत्र संस्था के साथ भरा हुआ है ।
वाल ऑफ इंटर्नल सोल का अनावरण करते हुए ताराचंद गोयल जी ने कहा कि, अंत समय में देवलोकगामी के देहदान जैसा पुण्य कार्य,मनुष्य को मोक्ष दिलाता है ।
संस्था सदस्यों ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार से अनुरोध किया था की,प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के शरीर रचना विभाग में देहदान करने वाले देहदानियों के नाम लिखे जाने चाहिये। इसके साथ ही शहर के चिकित्सकों को भी स्वयं का देहदान पत्र भरना चाहिये । जिससे वह स्वयं ईद कार्य के लिये उदाहरण बनकर दूसरों को देहदान के लिये प्रेरित करें।
शाइन इंडिया के संस्थापक डॉ कुलवंत गौड़ ने बताया कि,कार्यालय में ही इस तरह की दीवार का अनावरण करवाने के पीछे कारण यह था कि,संस्था सदस्यों ने लक्ष्य लिया है कि,वर्ष 2025 तक कोटा संभाग से 100 देहदान हो सकें । कार्यालय में पुण्य देहदानियों के नाम प्रतिदिन हमें, हमारे लक्ष्य को पाने के लिये प्रेरित करेंगे।
कार्यक्रम में शहर के कई गणमान्य व प्रभुद्ध नागरिक, समाजसेवी,चिकित्सक,देहदानी परिवार के सदस्य,राज्य व केंद्र सरकार के अधिकारी मौजूद थे । सभी ने संस्था के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि,संस्था के सदस्यों में कार्य के प्रति जोश,जूनन औऱ लगन के कारण ही आज सेवा कार्यों में कोटा की संस्था शाइन इंडिया का नाम पूरे राजस्थान में अग्रणी है ।
वर्तमान में संस्था के सदस्य घर जाकर संकल्प पत्र भरने वाले के सभी परिजनों को एक जगह बिठाकर देहदान के प्रति जागरुक करते हैं,उसके बाद परिवार के सभी सदस्यों के बीच ही देहदान का संकल्प पत्र भरा जाता है । इस तरह से कार्य करने से जब भी कभी शोक का समय आता है, तो कोई ना कोई एक परिजन इस पुण्य कार्य के संकल्प की याद दिला कर देहदान का कार्य संपन्न करवाता है।
“वाल ऑफ इंटर्नल सोल” में उन सभी 20 देहदानीयों के नाम अंकित किए गए हैं,जिनका देहदान संस्था के माध्यम से हुआ है ।