लोकसभा में सोमवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 पेश किया गया। स्पीकर ओम बिरला ने बिल पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किया, जिसमें NDA को 4 घंटे 40 मिनट और बाकी समय विपक्ष को दिया गया है।
सरकार और विपक्ष आमने-सामने
चर्चा की शुरुआत केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने की। अपने 58 मिनट के भाषण में उन्होंने कहा कि अगर यह संशोधन नहीं लाया जाता, तो संसद की बिल्डिंग भी वक्फ की हो सकती थी।
सरकार को सहयोगी दलों से समर्थन मिला है। चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने बिल के पक्ष में वोट करने का ऐलान किया है और अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है।
दूसरी ओर, विपक्ष इस विधेयक का विरोध कर रहा है। AIADMK, बीजू जनता दल (BJD) और भारत राष्ट्र समिति (BRS) जैसी न्यूट्रल मानी जाने वाली पार्टियां भी विपक्ष के साथ खड़ी हैं। विपक्ष ने चर्चा का समय 12 घंटे करने की मांग की है, जिस पर सरकार ने कहा है कि समय बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।
AIMPLB ने अदालत में चुनौती देने की घोषणा की
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे अदालत में चुनौती देने की बात कही है। AIMPLB के सदस्य मोहम्मद अदीब ने इसे “काला कानून” बताते हुए आरोप लगाया कि सरकार मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों को जब्त करने का प्रयास कर रही है।
इस विधेयक पर संसद के भीतर और बाहर राजनीतिक बहस तेज हो गई है, और आने वाले दिनों में इस पर और विवाद होने की संभावना है।