जयपुर:-जल जीवन मिशन (जेजेएम) के कथित घोटाले में सीबीआई द्वारा केस दर्ज करने के बाद पीएचईडी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि इस पूरे घोटाले में पूर्व मंत्री महेश जोशी भी दोषी हैं। उनके सामने यह पूरा घोटाला हुआ हैं। अगर वे इस घोटाले को रोक नहीं पा रहे थे तो नैतिकता के तौर पर तुरंत इस्तीफा देते। वरना घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते।
मंत्री ने कहा कि हमें जनता चुनकर भेजती हैं। हम जनता के जनप्रतिनिधि हैं। ऐसे में उस समय कांग्रेस की सरकार थी। उनके मंत्री थे। ऐसे में जिम्मेदारी उनकी भी बनती हैं, लेकिन यह देखने की बात है कि वे किस हद तक इस घोटाले में जिम्मेदार थे। लेकिन दोषी तो वो भी हैं, उनके खिलाफ भी जांच होनी चाहिए।
उन्होने कहा कि जल जीवन मिशन में हुए कामों को लेकर हमें लगातार शिकायतें मिल रही हैं। हमारे कई जनप्रतिनिधियों ने हमें पत्र लिखकर इसके बारे में शिकायत की हैं। शिकायत पर हमारे इंजीनियर्स जांच कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि मेरी नज़र में तो वहीं घोटाला है, जब आपने पाइप लाइन बिछा दी। लेकिन उपभोक्ता के नल में पानी नहीं पहुंच रहा हैं।
गहलोत ने सीबीआई जांच नहीं करवाई, उनके संरक्षण में घोटाला हुआ
जल जीवन मिशन में सीबीआई द्वारा मामला दर्ज करने के बाद कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने इसमें 900 करोड़ का घोटाला किया। ईडी-एसीबी के बाद अब सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है।
मैंने पूर्ववर्ती सरकार से मामले की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की थी। लेकिन अशोक गहलोत ने इसे नहीं माना, क्योंकि उनके संरक्षण में ही घोटाला हुआ हैं। एफआई दर्ज करवाने के लिए मैंने अशोक नगर थाने पर धरना भी दिया था। जहां से मुझे 22 जून 2023 को जबरन हिरासत में ले लिया गया था।
अब सीबीआई जांच करेगी और जल जीवन मिशन में करोड़ों के घोटाले में लिप्त किसी भी व्यक्ति को नहीं छोड़ेगी। चाहे वो कितना भी बड़ा रसूखदार क्यों नहीं हो। पीएम मोदी के हर कंठ की प्यास बुझाने के पवित्र कार्य में घपला कर कांग्रेस ने पाप किया है। जिसकी सजा उसे भुगतनी ही होगी।
जेजेएम घोटाले में सीबीआई ने दर्ज किया केस
दरअसल पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय जल जीवन मिशन में हुए कामों को लेकर किरोड़ीलाल मीणा ने करीब 900 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि श्री श्याम ट्यूबवैल औऱ श्री गणपति ट्यूबवैल कंपनी ने इरकॉन के फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाकर विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत करके 900 करोड़ के काम हासिल किए थे।
अब सीबीआई ने जलदाय विभाग के एक्सईएन विशाल सक्सेना, श्रीश्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर पदमंचद जैन, श्रीगणपति ट्यूबवेल कंपनी शाहपुरा के प्रोपराइटर महेश मित्तल और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया हैं।
सरकार ने 18 मार्च को जांच सीबीआई से करवाने की सिफारिश की थी। 3 मई को सीबीआई ने षड्यंत्र एवं धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। ईडी पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी के यहां भी छानबीन कर चुकी है। इस मामले में पिछले 10 महीने से ईडी व एसीबी जांच कर रही है।