आज 26/ 11 के 14साल बाद खास खबर : हम भूले नहीं है वह मंजर- मेजर हेमंत सिंह

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मेजर सन्दीप उन्नीकृष्णन के बैचमेट .. 26/11 की कहानी मेजर हेमंत की जुबानी

झुंझुनू : मुंबई की ताज होटल में आतंकी हमले 26/11 को आज 14 साल हो गए है। उस आतंकी हमले की घटना को देश-दुनियां शायद ही भूल पाए। हालांकि मुख्य सूत्रधार कसाब को फांसी जरूर दे दी गई लेकिन इस घटना को जब भी याद किया जाता है ,तब मेजर सन्दीप उन्नीकृष्णन को याद जरूर किया जाता है। ये वही है जिसने अपने साथियों से कहा था कि आप यही रुको मैं ऊपर जाकर सम्भालता हूं। इस घटना में मेजर सन्दीप उन्नीकृष्णन शहीद हो गए थे।

इनके साथ कोई कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़े था तो वह मेजर हेमंत सिंह शेखावत थे । यह मेजर झूंझुनूं जिले के उदयपुरवाटी के गुढ़ागौड़जी के पास दुड़िया निवासी है। इससे पहले 2020 में स्टेट ऑफ सीज वेब सीरीज में मेजर हेमंत सिंह शेखावत का पूरा जिक्र किया गया है।

अपने शौर्य और पराक्रम के लिए देश में अपनी अलग पहचान रखने वाले झूंझुनूं जिले के दुड़िया गांव निवासी
मेजर हेमंत सिंह शेखावत का जन्म ठाकुर कायम सिंह शेखावत के परिवार में हुआ। मेजर बनने से पहले हेमंत सिंह ने अपनी शिक्षा जयपुर जिले में माहेश्वरी पब्लिक स्कूल से की । स्नातकोत्तर शिक्षा राजस्थान विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण की। इसके बाद हेमंत सिंह दिल्ली जाकर भारतीय सेना में भर्ती की तैयारी शुरू कर दी। साल 2000 में ऑफिसर ट्रेनिंग अकेडमी में सिलेक्ट हो गए।
एक वर्ष की कठिन ट्रेनिंग के बाद इनकी पहली पोस्टिंग जम्मू बॉर्डर पर ऑपरेशन पराक्रम के समय हुई । इन्फेंट्री यूनिट के साथ नॉर्थईस्ट राज्यों में तथा यूएन मिशन में कांगो सिविल वार के हालातों में सेवा करने का मौका मिला। देश की बेहतरीन स्पेशल फोर्स नेशनल सिक्योरिटी गार्ड “ब्लैक कैट कमांडो” यूनिट को वालंटियर करके ज्वाइन किया। मेजर हेमंत सिंह ने कई एंटी टेररिस्ट ऑपरेशन में भाग लिया । एनएसजी में मेजर संदीप उन्नीकृष्णन जो मुंबई में 26/11 आतंकी हमले में शहीद हो गए ,मेजर हेमंत के बैचमेट थे । मेजर हेमंत सिंह को भी मुंबई के 26/11 आतंकी हमले में अपनी सेवा देने का मौका मिला।
कश्मीर के दुर्गम इलाकों और ऊंची चोटियों वाले गुरेज सेक्टर में महत्वपूर्ण सेना के कई ऑपरेशन में मेजर हेमंत अपना शौर्य दिखा चुके है।

अडानी ग्रुप का बने हिस्सा मेजर हेमंत सिंह

2015 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर अदानी ग्रुप के पर्सनल प्रोटेक्शन टीम का अपने स्पेशल फोर्सेस के अनुभव से गठन कर सकुशल नेतृत्व किया। वर्तमान में बगड, झूंझुनूं हाल मुंबई में पिरामल ग्रुप के सुरक्षा और ऐडिमन हेड के पद पर चार साल से कार्यरत हैं।

पत्नी राठौर को पेंटिंग में महारत हासिल

इनके परिवार में माता-पिता , पत्नी भावना राठौर और दो बच्चे हैं। भावना राठौर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बाग सिंह राठौड़ की पुत्री है । पत्नी राठौर मधुबनी और ऐक्रेलिक की पेंटिंग में महारत हासिल है। देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शनी लगाती रहती है । उनके चित्र कार्यों की सराहना मुख्यमंत्री गुजरात और क‌ई बड़े कलाकारों ने की है । वह अपने चित्रकला और गारमेंट्स का बुटीक जयपुर में गुलाबी के नाम से भी चलाती हैं।

हम भूले नहीं है वह मंजर- मेजर हेमंत सिंह

मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के जीवन पर 2020 में आई वेब फ़िल्म स्टेट ऑफ सीएगे में मेजर हेमंत सिंह का भी जिक्र किया गया। इसमें संदीप के निजी जिंदगी से जुड़ी कई झलकियों को दिखाया गया है। दोनों मेजर बैचमेट थे और 26/ 11 ऑपरेशन का हिस्सा भी रहे। मेजर हेमंत सिंह ने बताया कि आतंकी हमले का वह मंजर वे ताउम्र नहीं भूलेंगे। साथी सन्दीप उन्नीकृष्णन ने उस दरमियान कहा था कि आप सभी यही नीचे रुको आतंकियों को मैं सम्भालता हूं। आज भी सन्दीप हमारी यादों में जिंदा है।

चुनोती थी कि बन्धकों को जिंदा छुड़ाए

मेजर हेमंत सिंह बताते है कि हमारे सामने सबसे बड़ी चुनोती आतंकियों द्वारा बंधक लोगों को जिंदा निकालने की थी। मैरे बैचमेट मेजर संदीप एनएसजी कमांडो ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे थे।
इसके लिए आंतकियों का डटकर सामना किया। चूंकि ऑपरेशन को लीड सन्दीप कर रहे थे ऐसे में उनका एक एक टास्क महत्वपूर्ण था और हम 14 बंधकों को आतंकियों के चंगुल से बचाने में कामयाब हुए। अंततः सन्दीप शहीद हो गए थे।

2020 में आई स्टेट ऑफ सीज

हेमंत सिंह के भाई अभिमन्यु सिंह ने बताया कि 2020 में वेब सीरीज आई जो 26/11 पर आधरित थी। इस फ़िल्म का नाम स्टेट और सीज था। यह इस फिल्म में भी मेजर हेमंत सिंह का जिक्र किया गया है।

लश्कर ए तैयबा के थे आतंकी

:- 26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए- तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला कर दिया था

:- छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT), ताजमहल पैलेस होटल, होटल ट्राइडेंट, नरीमन हाउस, लियोपोल्ड कैफे, और कामा अस्पताल को निशाना बनाया गया

:- सुरक्षाकर्मियों सहित 166 लोगों की जान चली गई, जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और मुंबई पुलिस ने नौ आतंकवादियों को मार गिराया।

:- जिंदा पकड़े गए आतंकवादी अजमल कसाब को दोषी पाया गया और मौत की सजा दी गई।

:- 26/11 हमले की चौथी बरसी से पांच दिन पहले 21 नवंबर 2012 को कसाब को फांसी दी गई थी।

:- 26 नवबंर 2008 की रात पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी कोलाबा के समुद्री तट से एक नाव
के जरिए भारत में घुसे।

:- 26/11 को ही दो आतंकवादी ट्राइडेंट, दो ताज और चार नरीमन हाउस में घुसे । । कसाब सहित अन्य दो CSMT में फायरिंग शुरू कर दी थी, जिसमें 58 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए। तब कसाब और इस्माइल खान कामा अस्पताल को अपना निशाना बनाया।

:-27/11 को ताज, ट्राइडेंट और नरीमन हाउस सेना के जवानों और मरीन कमांडो से घिरे हुए थे।
ऑपरेशन ब्लैक टोर्नेडो लॉन्च किया गया जिसमें कुलीन एनएसजी शामिल थे, जिन्हें साइटों पर हमला करने के लिए भेजा गया था।

:- ट्राइडेंट और नीमन हाउस में 28 नवंबर को ऑपरेशन पूरा किया गया ।

राष्ट्रीय
सुरक्षा गार्ड (NSG) की ओर से 29/11 को ऑपरेशन पूरा होने की घोषणा की गई।

मेजर हेमंत सिंह

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