रामगढ़ टाइगर रिजर्व में अनियमिताओं को लेकर कलेक्टर से मिले वन्यजीव प्रेमी,रिजर्व प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

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बूंदी:-रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में शिफ्ट की गई बाघिन आरवीटीआर 3 के शावकों के जन्म की जानकारी रिजर्व प्रशासन की ओर से अभी तक सार्वजनिक नहीं किए जाने को लेकर वन्यजीव व पर्यावरण प्रेमियों ने नाराजगी प्रकट की है. उन्होंने रिजर्व प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाये हैं.

गौरतलब है कि 6 अगस्त, 2023 को रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में शिफ्ट की गई बाघिन आरवीटीआर 3 ने शावकों को जन्म दिया था. वन्यजीव प्रेमियों का आरोप है कि यह जानकारी रिजर्व प्रशासन ने अब तक सार्वजनिक नहीं की है. इस सहित अन्य आरोपों को लेकर वन्यजीव व पर्यावरण प्रेमियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. टाईगर रिजर्व प्रशासन की अनियमितताओं को लेकर पूर्व जिला परिषद सदस्य महेश दाधीच के नेतृत्व में जिला कलेक्टर से मुलाकात कर आरवीटीआर 3 के शावकों की जानकारी सार्वजनिक करने व अन्य अनियमितताओं की जांच करवाने की मांग की गई है.

इस दौरान प्रशांत शर्मा, डॉ जुनेद अख्तर, अधिवक्ता रहीम खान, विशाल शर्मा, बाबूलाल मेघवाल, आनंद शर्मा सहित अन्य पर्यावरण प्रेमी मौजूद रहे. वन्यजीव प्रमियों ने कलेक्टर को बताया कि रिजर्व में अब तक दो बाघिन शिफ्ट की जा चुकी हैं. न तो पहली बाघिन और उसके शावकों की लोकेशन का पता चलता और न ही दूसरी बार शिफ्ट की गई बाघिन आरवीटीआर 3 के शावकों को जन्म देने की जानकारी सार्वजनिक की गई. जिससे रिजर्व प्रशासन की कार्यप्रणाली पर संदेह बढ़ता है. वन्यजीव प्रेमियों ने कलेक्टर को बताया कि तीसरी बाघिन रामगढ़ विषधारी टाईगर रिजर्व में शिफ्ट करने को लेकर एनटीसीए की अनुमति मिल चुकी है. लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम रिजर्व प्रशासन की ओर से नहीं उठाए गए, जो उचित नहीं है.

नहीं हुई अंग्रेजी बबूलों को कटवाने की जांच: वन्यजीव प्रेमी डॉ जुनैद अख्तर ने कलेक्टर को बताया कि रिजर्व क्षेत्र में अंग्रेजी बबूलों को कटवाने का कार्य मनमाने तरीके से किया जा रहा है. बबूलों को कटावने के लिए टेन्डर प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई और रिजर्व क्षेत्र में तैनात कर्मचारी ही उच्चाधिकारियों की मिलिभगत से बबूलों को कटवाकर बेच रहे हैं. वन्यजीव प्रेमियों ने पूर्व में भी रिजर्व प्रशासन को इस मामले में जांच के लिए ज्ञापन दिया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

एक ही सफारी रूट, वो भी बफर जोन में: वर्ष 2022 में रिजर्व प्रशासन ने सफारी के लिए सात रूट तय कर गत वर्ष दलेलपुरा नाके से सफारी रूट शुरू किया था जो कि बफर जोन में आता है. पिछले एक वर्ष से सफारी के लिए आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को बफर जोन दिखाकर ठगा जा रहा है. समय बीतने के साथ साथ रिजर्व क्षेत्र के अन्य प्रस्तावित रूट खोलने की आवश्यकता महसूस होने लगी है, लेकिन रिजर्व प्रशासन ने सुस्त रवैया अपना रखा है.

वनकर्मी कर रहे ठेकेदारी: वन्यजीव प्रेमी प्रशांत शर्मा ने रिजर्व क्षेत्र में तैनात वनकर्मियों पर डमी ठेकेदारी करने का आरोप लगाते हुए कलेक्टर से जांच करने व कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की. वन्यजीव प्रेमियों ने कलेक्टर को बताया कि रिजर्व क्षेत्र में तैनात कर्मचारी ही डमी ठेकेदार बन रिजर्व क्षेत्र के विभिन्न कार्य संपादित कर राजकोष से भुगतान उठा रहे हैं, जो की नियम विरुद्ध है. वहीं वित्तीय अनियमिताएं भी हैं. वन्यजीव प्रेमियों ने कलेक्टर से कहा कि कुछ कर्मचारियों द्वारा रिजर्व क्षेत्र में सफारी के लिए अपनी जिप्पसी भी लगा रखी है, उनकी भी जांच होना चाहिए.

उपवन संरक्षक एवं उप क्षेत्र निदेशक संजीव शर्मा ने पूरे मामले में जानकारी देते हुए बताया कि एनटीसीए के प्रोटोकॉल के तहत हर माह टाइग्रेस की मॉनिटरिंग रिपोर्ट सरकार को भिजवाई जा रही है. प्रोटोकॉल के तहत हर बात को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है. रही जूली फ्लोरा की बात तो, इस पर विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है. कई पीकअप गाड़ियों सहित जेसीबी आदि को कार्रवाई में जब्त किया गया है. आरवीटीआर में सफारी के लिए निर्धारित तीनों रूट पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं, जिन्हें आचार संहिता के बाद सफारी के लिए खोल दिया जाएगा.