जयपुर:-अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार,बढ़ रहे दुष्कर्म की घटनाओं व पेपर-लीक मामलों के विरुद्ध “न्याय पदयात्रा” का शनिवार को तीसरा दिन था। आम जनों से संवाद के साथ यह यात्रा गंगापुर सिटी से पिपलाई गांव तक पहुंची। दो दिन पूर्व प्रदेश में भीलवाड़ा से लोमहर्षक घटना सामने आई, जिससे जनमानस का मन अत्यंत आहत हो उठा और आमजन अपनी पीड़ा यात्रियों से साझा कर रही है।
“न्याय पदयात्रा” के मार्ग में पड़े ‘बाढ़ खुर्द’ गांव की महिलाओं ने अभाविप के इस अभियान को जाना और लगभग 500 मीटर तक सह-यात्री बन प्रतीकात्मक रूप में यात्रा का समर्थन किया और अभाविप की इस पहल को सराहा। ध्वस्त जनप्लावित सड़कों और भीषण बारिश में भी “बेटियों के सम्मान” दिलाने और मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटनाओं पर कोई ठोस कदम ना उठा रही राजस्थान सरकार के विरुद्ध जन जागरण करते यह यात्रा निरंतर चल रही है।
सड़कों पर नाली का पानी है और रास्ते में गढ्ढे ज्यादा हैं, समतल-भूमि कम फिर भी प्रदेश में ‘जंगलराज खत्म कराने’ और “न्याय व्यवस्था को सुदृण कराने” को निकली यह यात्रा निरंतर निश्चित पथ पर आगे बढ़ रही है। पीपलाई में जनसभा आयोजित की गई।
अभाविप द्वारा चलाई जा रही “न्याय पदयात्रा” को स्थानीय लोगों का भरपूर समर्थन मिला और सरकार के विरुद्ध आवाज उठाने की क्षमता भी जागृत हो रही है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के राष्ट्रीय मंत्री होशियार सिंह मीणा ने कहा कि,” जनमानस सरकार की नीतियों से काफी व्यथित है, प्रदेश में दिनदहाड़े अमानवीय कृत्यों को बेलगाम तरीके से अंजाम दिया जा रहा है और सरकार इन अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। दुष्कर्म जैसे वीभत्स अपराधों के लगभग सभी मामलों में सरकार से जुड़े लोगों के लिप्तता की बात सामने आती है। जिस सरकार से आमजनों को सुरक्षा की उम्मीद की जाती है, उसी सरकार के लोग उन दरिंदों को बढ़ावा दे रहे हैं। जिस पुलिस का प्रयोग कानूनी व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए किया जाना चाहिए, उसका प्रयोग इन स्थितियों पर आवाज उठाने वालों के मुंह बंद करने और डंडे बरसाने के लिए किया जा रहा है।”
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् जयपुर प्रांत के सवाई माधोपुर विभाग की विभाग छात्रा प्रमुख अंजलि चौरासिया ने कहा कि,” प्रदेश में रोज़ दुष्कर्म जैसे अमानवीय मामले की खबरें सामने आ रहीं हैं। जिस प्रदेश की महिलाओं ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, आज उस प्रदेश में गहलोत सरकार की बदौलत उसे आजादी के पहले से भी बदतर स्थिति है। बेटियों के मन में भय व्याप्त है, परिवारजन उन्हे बाहर कम निकलने की सलाह दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कभी करौली , कभी भीलवाड़ा, कभी जयपुर रोज़ महिला संबंधी अपराधों को खबरें सामने आ रही हैं और कभी 14 वर्षीय बेटी की इज्ज़त ले भट्टी में झोंक दिया जा रहा है। ऐसे में बेटी की इज्ज़त के साथ, राजस्थान का गौरवशाली इतिहास जहां कभी बेटियों ने ही प्रदेश की गरिमा को बचाया आज उनकी इज्जत सरकार द्वारा संरक्षित हैवान ले रहे हैं। प्रदेश में एक बड़े बदलाव की जरूरत है और इस बदलाव को अभाविप की न्याय यात्रा से लाने का प्रयास किया जाएगा।