रेसलर्स विवाद….एशियाड ट्रायल डेट पर पेंच:15 जुलाई तक एंट्री,पहलवान 10 अगस्त को चाहते हैं;IOA ने एशियन काउंसिल से डेडलाइन बढ़ाने को कहा

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नई दिल्ली:-सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होने के बाद रेसलर्स विवाद नया मोड़ ले रहा है। मामले में अब एशियाड ट्रायल्स पर पेंच फंसता नजर आ रहा है। ऐसे में भारतीय ओलिंपिक महासंघ (IOA) ने हल निकालने की कोशिश की है।

दरअसल, WFI पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ आंदोलन के बीच पहलवानों ने एशियन गेम्स ट्रायल्स में हिस्सा लेने की मांग की, जिसे भारतीय खेल मंत्रालय ने मान लिया, लेकिन पहलवान 10 अगस्त को ट्रायल रखने की मांग कर रहे हैं। जो ओलिंपिक काउंसिल ऑफ एशिया (OCA) को टीम एंट्री भेजने की आखिरी तारीख 15 जुलाई के बाद की है। ऐसे में मामला उलझ गया है।

इस उलझन के बीच IOA ने शुक्रवार को एशियन काउंसिल को पत्र लिखकर डेडलाइन बढ़ाने की मांग की है। इस पर एशियन काउंसिल का कोई जवाब नहीं आया है।

बजरंग, विनेश, साक्षी सहित 6 पहलवानों ने लिखे पत्र
बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक समेत आधा दर्जन पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर को पत्र लिखा था। इसमें कहा गया कि धरने पर बैठे होने के कारण उन्हें 23 सितंबर से हांगझोउ (चीन) में होने वाले एशियाई खेलों और विश्व चैंपियनशिप के ट्रायल की तैयारियों के लिए कुछ और समय की आवश्यकता है। ट्रायल 10 अगस्त के बाद कराया जाए।

पत्र लिखने वाले पहलवानों में विनेश फोगाट (53 वेट कैटेगरी), बजरंग पूनिया (65 वेट कैटेगरी), साक्षी मलिक (62 वेट कैटेगरी), सत्यव्रत कादियान (97 वेट कैटेगरी), संगीता (57 वेट कैटेगरी) और जितेंदर (86 वेट कैटेगरी) शामिल हैं।

15 जुलाई से पहले ट्रायल चाहती है कमेटी
एशियन गेम्स के लिए एंट्री भेजने की आखिरी तारीख 15 जुलाई है। एडहॉक कमेटी इससे पहले ट्रायल चाह रही है, पर खेल मंत्री को लिखे पत्र के बाद कमेटी असमंजस में पड़ गई है।

मंजूरी पर निर्भर करेंगे ट्रायल
पहलवानों के ट्रायल्स OCA की मंजूरी पर निर्भर करेंगे। IOA ने पत्र लिखकर मांग की है कि कुश्ती की नामों के साथ एंट्री 15 अगस्त तक लिए जाने की मंजूरी दी जाए। यदि भारतीय ओलिंपिक संघ को मंजूरी मिल जाती है तो ट्रायल्य अगस्त में होंगे और यदि मंजूरी नहीं मिलती है, तो ट्रायल्स 15 जुलाई से पहले रखने होंगे।

मंजूरी मिली तो ट्रायल 10 अगस्त के बाद रखे जाएंगे। नहीं मिलती है तो 15 जुलाई से पहले ट्रायल के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है।