पानीपत:-भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाने वाले रेसलर्स साइट कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। ओवर साइट कमेटी को एक महीने में रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन डेढ़ महीने बाद तक रिपोर्ट नहीं आई है। इससे नाराज रेसलर विनेश फोगाट ने कहा कि इंटरनेशनल मुकाबले शुरू हो गए हैं, लेकिन हम खेल नहीं पा रहे।
उन्होंने कहा- ये मुश्किल समय है क्योंकि हम प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं। जब तक हम ये लड़ाई जीत नहीं जाते, तब तक हम इंतजार करेंगे। पहले हम ये मेडल जीतना चाहते हैं, उसके बाद हम किसी बड़े मैच में खेलेंगे।
साक्षी मलिक ने कहा- कमेटी ने 10 दिन का समय दिया है। उम्मीद है कि जल्द से जल्द फैसला आए और हमारे हक में आए। क्योंकि हमने बहुत हिम्मत करके ये कदम उठाया है। हमने यही सोचकर हिम्मत जुटाई कि अब जो लड़कियां पहलवानी में आ रही हैं, उन्हें ये सब न झेलना पड़े।
ओवरसाइट कमेटी का समय दो हफ्ते बढ़ाया गया था
केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप की जांच और कामकाज संभालने के लिए बनाई गई ओवरसाइट कमेटी का कार्यकाल 23 फरवरी को 2 हफ्तों के लिए बढ़ाया गया था। वह 8 मार्च को पूरा हो जाएगा। इससे पहले, मंत्रालय ने पूर्व रेसलर और राजनेता बबीता फोगाट को कमेटी में शामिल किया था।
रेसलर्स की मांग पर फोगाट भी कमेटी में शामिल
करीब 1 महीना पहले पूर्व पहलवान और भाजपा नेता बबीता फोगाट को ओवर साइट कमेटी में शामिल किया गया। इस कमेटी में फोगाट के अलावा एमसी मैरीकॉम, खेल रत्न योगेश्वर दत्त, द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित तृप्ति मुरगुंडे, TOPS CEO राजगोपालन और राधा श्रीमन शामिल हैं। इससे पहले, धरने पर बैठे पहलवानों ने बबीता को कमेटी में शामिल करने की मांग की थी।
WFI-रेसलर्स विवाद में अब तक क्या हुआ
रेसलर्स ने धरना दिया
18 जनवरी को रेसलर्स ने दिल्ली जंतर-मंतर पर धरना शुरू कर दिया। रेसलर विनेश फोगाट ने रोते हुए आरोप लगाए कि फेडरेशन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोच नेशनल कैंप में महिला रेसलर्स का यौन उत्पीड़न करते हैं। कुछ कोच तो सालों से यौन उत्पीड़न करते आ रहे हैं। बृजभूषण खिलाड़ियों के होटल में रुकते थे। जो नियमों के खिलाफ है। यहां तक कि उसी फ्लोर पर अपना कमरा रखते थे, जहां महिला पहलवान ठहरी होती हैं।
वे जानबूझकर अपना कमरा खुला रखते थे। टोक्यो ओलिंपिक में हार के बाद WFI के अध्यक्ष ने मुझे खोटा सिक्का कहा। मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। मैं हर दिन खुद को खत्म करने के बारे में सोचती थी।
इसी दिन WFI अध्यक्ष बृजभूषण सामने आए। उन्होंने कहा कि मुद्दे तब सामने आते हैं जब नए नियम लाए जाते हैं। धरने पर बैठे पहलवानों ने ओलिंपिक के बाद किसी भी राष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का उत्पीड़न नहीं हुआ है। अगर हुआ है तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा। उन्होंने धरने को स्पॉन्सर्ड बताते हुए इसके पीछे हरियाणा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा को बताया था।
उन्होंने कहा था कि अब ये खिलाड़ी नेशनल लेवल पर भी खेलने योग्य नहीं रहे हैं। साथ ही ये कुश्ती पर अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहते हैं। इसलिए यह सब किया गया है।
खेल मंत्री ने मीटिंग की
19 जनवरी को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीटिंग की। उन्होंने खिलाड़ियों से करीब पौने चार घंटे बातचीत की और कुश्ती संघ के अध्यक्ष के जवाब का इंतजार करने को कहा। पहलवानों को कई आश्वासन दिए गए। मगर बातचीत से पहलवान संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने उस दौरान मांग रखी कि WFI अध्यक्ष को हटाया जाए। इसके बाद उन्होंने कुश्ती संघ को भंग कराने की बात कही।
धरने को खाप का समर्थन 20 जनवरी को खिलाड़ियों ने खेल मंत्री से बातचीत के बाद फिर से जंतर-मंतर पर धरना शुरू किया। अब यहां खिलाड़ियों के समर्थन में हरियाणा भर से खिलाड़ी पहुंचने लगे। यहां तक कि हरियाणा की खापों ने भी धरने को समर्थन दे दिया। चरखी दादरी से 7 खापों ने समर्थन में दिल्ली कूच किया। धीरे-धीरे धरना स्थल पर भीड़ बढ़ने लगी। यहां से आंदोलनकारी खिलाड़ियों ने ऐलान किया कि वे अब न्याय मिलने तक कोई कैंप जॉइन नहीं करेंगे। न ही वे किसी प्रतियोगिता में भाग लेंगे। अब वे खेल और खिलाड़ियों के हक की लड़ाई लड़ेंगे। IOA ने जांच कमेटी बनाई 21 जनवरी को आंदोलन बढ़ता देख भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) ने जांच कमेटी बनाई। जिसकी अध्यक्ष पीटी ऊषा ने कमेटी की अध्यक्ष मैरीकॉम को बनाया। 7 सदस्यों की कमेटी बनाकर जांच करने के निर्देश दिए। इस कमेटी में बॉक्सर मैरीकॉम, तीरअंदाज डोला बनर्जी, बैडमिंटन प्लेयर अलकनंदा अशोक, फ्री स्टाइल कुश्तीबाज योगेश्वर दत्त, भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष सहदेव यादव और 2 वकील शामिल हैं। ओवरसाइट कमेटी बनाने का फैसला 21 जनवरी को ही खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने फिर मीटिंग की। देर रात 7 घंटे तक चली मीटिंग में खेल मंत्रालय ने एक ओवरसाइट कमेटी बनाने का फैसला लिया। यह कमेटी जांच पूरी होने तक कुश्ती संघ का काम देख रही है। कमेटी आरोपों की जांच भी कर रही है। ओलिंपिक मेडल विजेता मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम को ही इस पांच मेंबर्स वाली समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। ठाकुर ने इसकी जानकारी देते हुए बताया था कि कमेटी 4 हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद पहलवानों ने धरना खत्म कर दिया।
23 जनवरी को अनुराग ठाकुर ने ओवरसाइट कमेटी बनाने की जानकारी देते हुए उसके सदस्यों के नाम का ऐलान किया था। कमेटी का प्रमुख विश्व चैंपियन मुक्केबाज मैरी कॉम को बनाया गया। इसके सदस्यों में ओलंपिक मेडल विजेता रेसलर योगेश्वर दत्त, द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित तृप्ति मुरगुंडे, TOPS CEO राजगोपालन और राधा श्रीमन शामिल है।
24 जनवरी को पहलवानों ने आरोप लगाया था कि खेल मंत्रालय ने कमेटी गठित करने से पहले हमसे राय नहीं ली। इतना ही नहीं, पहलवानों ने बबिता फोगाट को कमेटी में शामिल करने की मांग की थी। 31 जनवरी को खेल मंत्रालय ने पूर्व रेसलर और भाजपा नेता बबीता फोगाट को ओवरसाइट कमेटी में शामिल किया था।