जयपुर में युवा मित्रों ने सरकार से मांगा रोजगार:प्रदर्शनकारी बोले भाजपा ने 5000 परिवारों को किया परेशान

Jaipur Rajasthan

जयपुर:-राजस्थान सरकार के खिलाफ राजीव गांधी युवा मित्रों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले 16 दिनों से जयपुर के शहीद स्मारक पर फिर से रोजगार की मांग को लेकर धरना दे रहे बेरोजगारों ने कहा कि अब तक सरकार के किसी प्रतिनिधि ने हमसे बातचीत तक नहीं की है। इसलिए अब हम सोमवार को सरकार की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ करेंगे। ताकि भाजपा के नेताओं में सद्बुद्धि आए और वह बेरोजगार युवाओं की पीड़ा को समझ सके।

युवा मित्र संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष संजय मीणा ने बताया कि भाजपा सरकार के गठन के बाद 5000 युवाओं को बेवजह बेरोजगार कर दिया गया। जिससे हमारे परिवार का पालन पोषण हो पाना भी मुश्किल हो रहा है। ऐसे में रोजगार का वादा कर सत्ता में आई भाजपा सरकार को हठधर्मिता छोड़ फिर से युवाओं को रोजगार देना चाहिए। अगर समय रहते ऐसा नहीं हुआ। तो लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।

नेता शहीद स्मारक पहुंच धरना दे चुके

इससे पहले राजीव गांधी युवा मित्रों के समर्थन में कांग्रेस पार्टी के विधायक सचिन पायलट, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली समेत एक दर्जन विधायक और नेता शहीद स्मारक पहुंच धरना दे चुके हैं। वहीं, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक हनुमान बेनीवाल ने भी युवा मित्रों का समर्थन किया था। जिसके बाद से ही प्रदेश में सोशल मीडिया पर भी एक बार फिर राजीव गांधी युवा मित्रों को रोजगार देने की मांग जोर पकड़ने लगी है।

बता दें कि पूर्व कांग्रेस सरकार के वक्त शुरू हुई राजीव गांधी युवा मित्र को भाजपा सरकार के गठन के बाद बंद कर दिया गया था। इसके बाद पिछले महीने दिसंबर में युवा मित्रों ने शहीद स्मारक पर 5 दिन (27 दिसंबर से 31 दिसंबर) का धरना दिया था। इसके बाद 13 जनवरी से एक बार फिर प्रदेशभर के युवा मित्र सरकार के खिलाफ शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं, लेकिन अब तक सरकार के स्तर पर इस मुद्दे पर कोई चर्चा तक नहीं हुई है। इसको लेकर अब युवाओं का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है।

इससे पहले शुक्रवार को टोंक से विधायक सचिन पायलट और आमेर विधायक प्रशांत शर्मा भी धरना दे रहे अभ्यर्थियों के बीच पहुंचे थे। इस दौरान सचिन पायलट ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए राजीव गांधी युवा मित्रों को फिर से नियुक्ति देने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि अगर सरकार को राजीव गांधी के नाम से ही आपत्ति है। तो वह इस योजना का नाम बदल दें, लेकिन कम से कम युवाओं को फिर से रोजगार तो मुहैया करवाएं।