जयपुर:-मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समय शुरू की गई पालनहार योजना की प्रशंसा करते हुए विरोधियों को आड़े हाथ लिया । सीएम गहलोत ने कहा कि मेरी भावना अंतिम सांस तक प्रदेशवासियों की सेवा करने की है। मैं किसी पद पर रहूं, नहीं रहूं, कहीं रहूं, प्रदेशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि आपकी सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहूंगा।
सीएम गहलोत सोमवार को अपने सरकारी निवास पर आयोजित समारोह में पालनहार योजना के लाभार्थी बच्चों से संवाद कार्यक्रम में संवाद किया। लाभार्थियों के बैंक खातों में किए 146.74 करोड़ रुपए हस्तांतरित किए और जुलाई के 87.36 करोड़ रुपए और जून के 59.38 करोड़ रुपए का लाभ पहुंचाया।
सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन और सभी जिलों में भी स्थानीय स्तर पर ये कार्यक्रम आयोजित किए गए। सीएम गहलोत ने पालनहार योजना के लाभार्थी बच्चों से बातचीत के दौरान शेर सुनाकर राजनीतिक इरादों को जाहिर किया और उन्होंने विधानसभा में जो शेर पहले पढ़ा उसे आज वापस पढ़ते हुए कहां ना पूछो मेरी मंजिल कहां है, अभी तो सफर का इरादा किया है। ना हारूंगा हाैसला उम्र भर, यह मैंने किसी और से नहीं, खुद से वादा किया है। गहलोत के इस बयान को कांग्रेस के भीतर चल रही राजनीतिक खींचतान से जोड़कर देखा जा रहा है।
सीएम गहलोत ने कहा कि पूर्ववर्ती केंद्र सरकार ने खाद्य, रोजगार, शिक्षा और सूचना का अधिकार पूरे देश में एक समान लागू किया। उसी तरह हमने राजस्थान में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत न्यूनतम एक हजार रुपए का प्रावधान किया है। अब केंद्र सरकार भी पूरे देश में सामाजिक सुरक्षा कानून लागू कर जरूरतमंदों को आर्थिक सम्बल प्रदान करें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के अधिकार (आरटीएच) से प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी ली है। इसे और मजबूत करेंगे।
समारोह में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि यह योजना नाममात्र की नहीं, बल्कि इसके जरिए लगभग 6 लाख बच्चों का लालन-पोषण किया जा रहा है। राज्य सरकार ने इस वर्ग की पीड़ा को समझते हुए सहायता राशि में बढ़ोतरी की है।
समारोह में स्वायत्त शासन, नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शांती कुमार धारीवाल, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी, सार्वजनिक निर्माण मंत्री भजन लाल जाटव, युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना, राजस्थान राज्य केशकला बोर्ड के अध्यक्ष महेन्द्र गहलोत, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती संगीता बेनीवाल, ओबीसी वित्त एवं विकास कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष पवन गोदारा, विधायक श्रीमती गंगा देवी, आलोक बेनीवाल, श्री नरेंद्र बुड़ानिया, सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, पालनहार के लाभार्थी सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों से लाभार्थी, जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासनिक अधिकारी जुड़े।
पालनहार योजना की पात्र श्रेणियां
अनाथ बच्चे, न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड, आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता के बच्चे, पेंशन प्राप्त कर रही विधवा माता के बच्चे, पुनर्विवाहित विधवा माता के बच्चे, एच.आई.वी.एड्स से पीड़ित माता-पिता के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीड़ित माता-पिता के बच्चे, नाता जाने वाली माता के बच्चे, विशेष योग्यजन माता-पिता के बच्चे, पेंशन प्राप्त कर रही तलाकशुदा अथवा परित्यक्ता महिला के बच्चे, सिलिकोसिस पीड़ित माता-पिता के बच्चे।
अनुदान राशि का प्रावधान
अनाथ श्रेणी के 0-6 आयु वर्ग के बच्चों के लिए 1500 रुपए प्रतिमाह और 6-18 आयु वर्ग तक के बच्चों के लिए 2500 रुपये प्रतिमाह। राज्य सरकार की बजट घोषणा 2023-24 के अनुसार पालनहार योजना में अनाथ श्रेणी के अतिरिक्त अन्य श्रेणी के 0 से 6 वर्ष उम्र के बच्चों के लिए 750 रुपए प्रतिमाह और 6 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए 1500 रुपए प्रतिमाह सहायता राशि दी गई। साथ ही कपड़े, स्वेटर, जूते आदि के लिए हर वर्ष 2000 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। (विधवा और नाता श्रेणी को छोड़कर)। इस योजना की सबसे जरूरी शर्त बच्चों का आंगनबाड़ी या विद्यालय जाना अनिवार्य है।