New Delhi :
नो मनी फॉर टेरर'(NMFT) के दो दिवसीय सम्मेलन के समापन सत्र के दौरान शनिवार (19 नवंबर, 2022) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने आतंकवाद को लेकर अपनी बात रखी। शाह ने पाकिस्तान (Pakistan) का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि कुछ देशों, उनकी सरकारों और उनकी एजेंसियों ने ‘आतंकवाद’ को अपनी राज्य नीति बना लिया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के पनाहगाहों पर आर्थिक कार्रवाई जरूरी है।
शाह ने कहा कि कुछ देश आतंकवादियों और आतंकवाद को पनाह देने वालों का बार-बार समर्थन करते हैं। मेरा मानना है कि आतंकवाद की कोई अंतर्राष्ट्रीय सीमा नहीं होती, इसलिए सभी देशों को राजनीति को भुलाकर एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कि कुछ देशों, उनकी सरकारों व एजेंसियों ने ‘टेररिज्म’ को स्टेट पालिसी बनाया है। उन्होंने कहा कि टेरर हेवन्स पर आर्थिक प्रतिबंध के साथ सभी प्रकार की नकेल कसना आवश्यक है। इस पर दुनिया के सभी देशों को अपने जियो-पॉलिटिकल इंटरेस्ट से ऊपर उठ एक मन बनाना होगा।
उन्होंने कहा कि हम टेररिज्म के सभी रूपों के खिलाफ एक प्रभावी, दीर्घकालिक और ठोस लड़ाई के बिना भय-मुक्त समाज, भय-मुक्त दुनिया नहीं सोच सकते हैं। उन्होंने कहा कि मेरा स्पष्ट मानना है कि आतंकवाद लोकतंत्र, मानव अधिकार, आर्थिक प्रगति और विश्व शांति के खिलाफ नासूर है, जिसे हमें जीतने नहीं देना है। गृह मंत्री ने कहा कि कोई भी एक देश या संगठन आतंकवाद को अकेला नहीं हरा सकता।
गृह मंत्री ने कहा कि हाल ही में भारत सरकार ने सामाजिक गतिविधियों की आड़ में युवाओं को रेडिकलाइज कर उन्हें आतंक की ओर धकेलने की साजिश करने वाली संस्था को बैन किया है। मेरा मानना है कि हर देश को ऐसी संस्थाओं को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें टेररिज्म और टेररिस्ट गुटों के खिलाफ इस लड़ाई को प्रत्येक भौगौलिक और वर्चुअल क्षेत्र में लड़ना होगा।
आतंकवाद को लेकर शाह ने कहा कि टेररिज्म के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति, काउंटर-टेरर कानूनों के मजबूत फ्रेमवर्क व एजेंसियों के सशक्तिकरण के कारण भारत में टेररिज्म से होने वाली घटनाओं में कमी आई है और टेररिज्म के मामलों में सख्त सजा दिलाने में सफलता हासिल की गई है। गृह मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने यह भी तय किया है कि टेररिज्म, नारकोटिक्स और आर्थिक अपराध जैसे अपराधों पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय डेटाबेस विकसित किया जाए। भारत सरकार ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की स्थापना की है।