दिल्ली:पीएम मोदी के आरोपों पर केजरीवाल का पलटवार,कहा-‘आपदा भाजपा में आई है’

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आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुक्रवार को दिए बयान पर जवाब दिया। पीएम मोदी ने अपने भाषण में AAP सरकार को “आपदा की सरकार” बताया था।

केजरीवाल का पलटवार

केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली में आपदा नहीं, भाजपा में आपदा आई है। तीन तरह की आपदाएं हैं। पहली- भाजपा के पास मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं है। दूसरी- भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है कि चुनाव किस पर लड़ें। तीसरी- एजेंडा तक साफ नहीं है।”

केजरीवाल ने दावा किया कि उनकी सरकार ने दिल्ली में इतने काम किए हैं कि उन्हें गिनाने में घंटे लग सकते हैं। “प्रधानमंत्री 43 मिनट के अपने भाषण में एक भी काम नहीं गिना पाए। अगर उन्होंने काम किए होते, तो गालियां देने की बजाय काम गिनाते,” उन्होंने कहा।

पीएम मोदी का हमला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए AAP सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, “दिल्ली में बेईमानों की सरकार है। ये लोग शराब घोटाले में शामिल हैं। ये चोरी भी करते हैं और सीनाजोरी भी।”

2014 से पहले ‘नर्क’ था दिल्ली: केजरीवाल

केजरीवाल ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि 2014 से पहले दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों में कोई काम नहीं होता था। “कच्ची कॉलोनियों में नर्क जैसी स्थिति थी। हमने वहां सड़कें, नालियां, सीसीटीवी, सीवेज, अस्पताल और मोहल्ला क्लीनिक बनाकर उन्हें सम्मान दिया।”

‘दिल्ली में कानून-व्यवस्था की आपदा’: केजरीवाल

केजरीवाल ने दिल्ली की सुरक्षा स्थिति को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “दिल्ली में गैंगस्टर खुलेआम गोलियां चला रहे हैं। व्यापारी डर के साये में जी रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह को सरकारें गिराने-जोड़ने से वक्त निकालकर दिल्ली की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए।”

मालिकाना हक पर सवाल

केजरीवाल ने 40 लाख कच्ची कॉलोनियों के लोगों को मालिकाना हक देने के केंद्र सरकार के वादे पर भी सवाल उठाया। “दिसंबर 2020 में हरदीप पुरी ने यह वादा किया था, लेकिन 5 साल में सिर्फ 25 हजार रजिस्ट्रियां हुई हैं। लोग अब कहने लगे हैं कि भाजपा जो कहती है, वह करती नहीं।”

निष्कर्ष

दिल्ली में चुनाव प्रचार ने तीखी बहस का रूप ले लिया है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच आरोप-प्रत्यारोप से सियासी माहौल गर्म हो चुका है। दोनों पक्षों के दावों के बीच, आगामी विधानसभा चुनावों में जनता किसे समर्थन देगी, यह देखने वाली बात होगी।