जोधपुर:-जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में आज हार्ट और किडनी ट्रांसप्लांट किए गए। दोनों अलग-अलग पेशेंट्स को लगाए गए। दरअसल, बाड़मेर की महिला जोधपुर एम्स में ब्रेन डेड हो गई थी। उसका हार्ट और एक किडनी जयपुर लाकर दो अलग-अलग महिलाओं को लगाई गई। हार्ट को ब्रेन डेड हुई महिला के शरीर से निकालकर दूसरी महिला के लगाने की पूरी प्रक्रिया में करीब 8 घंटे का समय लगा। इसमें हार्ट काे जोधपुर से लाने का समय भी शामिल है।
जयपुर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने बताया- जोधपुर एम्स में भर्ती एक महिला अनिता (25) एक्सीडेंट के बाद इलाज के दौरान ब्रेनडेड हो गई थी। उसका हार्ट और एक किडनी आज ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर रामरतन, लीलम और एसएमएस हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम फ्लाइट के जरिए जयपुर लेकर पहुंची।
यहां सीटीवीएस विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉक्टर राजकुमार यादव, डॉ. संजीव देवगढ़ा के साथ एनिस्थिसिया की टीम के डॉक्टर रीमा मीणा और अंजुम सैयद समेत अन्य डॉक्टरों की टीम ने यहां भर्ती पूजा सेन जिसका हार्ट खराब हो चुका था उसका ट्रांसप्लांट किया। हार्ट ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन दोपहर करीब 12.15 बजे शुरू किया, जो दोपहर पांच बजे तक चला। डॉक्टर राजकुमार यादव ने बताया कि मरीज पूजा सैन का हार्ट ट्रांसप्लांट सफल रहा और वह अब आईसीयू में वैंटिलेटर पर भर्ती है।
किडनी भी दूसरी महिला को लगाई
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के मीडिया कॉर्डिनेटर और प्रोफेसर डॉक्टर मनीष अग्रवाल ने बताया कि हार्ट के साथ लाई गई एक किडनी का भी आज ट्रांसप्लांट किया गया। यह भी एक महिला को ही लगाई गई। किडनी ट्रांसप्लांट डॉक्टर नीरज अग्रवाल की टीम ने किया और यह भी सफल रहा। ये ट्रांसप्लांट सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में किया गया और अब महिला मरीज आईसीयू में है।
डॉक्टर अग्रवाल ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया में हमे जोधपुर, जयपुर पुलिस के साथ एयरपोर्ट ऑथोरिटी का भीा सहयोग मिला। क्योंकि हमारी टीम जब जोधपुर एयरपोर्ट पर एम्स से हार्ट लेकर पहुंची तो यहां टीम के पहुंचते ही उन्हें प्लेन में पहुंचाकर समय से पहले फ्लाइट को रवाना किया गया, जिससे जयपुर भी फ्लाइट समय से 20 मिनट पहले पहुंच गई।