अमेरिका ने हाल ही में विदेशी इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर लगाए गए भारी टैरिफ से कुछ उत्पादों को छूट देने का फैसला किया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से की गई इस घोषणा के तहत स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य तकनीकी उपकरण अब ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ से बाहर रहेंगे।
अमेरिकी कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) द्वारा जारी नोटिस में कहा गया कि यह छूट चीन से आने वाले स्मार्टफोन और संबंधित उपकरणों पर लागू होगी, जिन पर पहले 145% अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया था।
इसके अलावा सेमीकंडक्टर, सोलर सेल, फ्लैट पैनल टीवी, फ्लैश ड्राइव और मेमोरी कार्ड जैसे प्रोडक्ट्स को भी छूट में शामिल किया गया है। यह फैसला अमेरिकी टेक कंपनियों के लिए राहत की खबर मानी जा रही है, जो महंगे टैरिफ के कारण लागत और कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर चिंतित थीं।
एप्पल को सबसे बड़ा फायदा
टैरिफ में छूट से एप्पल जैसी कंपनियों को सबसे अधिक राहत मिलने की उम्मीद है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एप्पल को हर $1,000 के iPhone पर करीब $700 का इंपोर्ट टैक्स देना पड़ रहा था। चूंकि लगभग 90% iPhone चीन में बनाए जाते हैं, ऐसे में यह छूट एप्पल के लिए फायदेमंद साबित होगी।
CBP के अनुसार, सेमीकंडक्टर को भी 10% के बेसलाइन टैरिफ और चीन पर लगाए गए 125% अतिरिक्त शुल्क से बाहर रखा गया है।
टैरिफ वॉर: अमेरिका बनाम चीन
10 अप्रैल को अमेरिका ने चीन पर 145% टैरिफ लगाते हुए अब तक की सबसे बड़ी टैरिफ दर लागू की थी। यह कदम चीन द्वारा लगाए गए 84% टैरिफ के जवाब में उठाया गया था। इसके बाद चीन ने भी पलटवार करते हुए अमेरिकी वस्तुओं पर 125% टैरिफ लगा दिया था।
हालांकि, इसी बीच अमेरिका ने भारत सहित 75 से अधिक देशों पर एक समान 10% बेसलाइन टैरिफ की घोषणा भी की थी।
चीन का जवाब: ‘आखिरी दम तक लड़ेंगे’
इस टैरिफ वॉर पर चीन ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन अमेरिकी दबाव के आगे नहीं झुकेगा और अंत तक संघर्ष करेगा।
उन्होंने सोशल मीडिया पर माओ जेदोंग का पुराना वीडियो साझा करते हुए यह संदेश दिया कि चीन उकसावे से डरता नहीं है और पीछे हटने वाला नहीं है।
चीन की रणनीति: इंडस्ट्री और इनोवेशन पर जोर
चीन के पास अमेरिकी सरकारी बॉन्ड में करीब 760 अरब डॉलर की हिस्सेदारी है, जिससे वह अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव डाल सकता है। इसके अलावा, चीन ने अपने औद्योगिक क्षेत्र को मजबूत करने के लिए 1.9 लाख करोड़ डॉलर का अतिरिक्त ऋण दिया है।
हुआवेई ने शंघाई में 35,000 इंजीनियरों के लिए एक रिसर्च सेंटर शुरू किया है, जो गूगल के कैलिफोर्निया मुख्यालय से 10 गुना बड़ा है। इससे चीन की तकनीकी क्षमता और नवाचार में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।