अहमदाबाद:-उमेश पाल मर्डर केस का आरोपी गैंगस्टर अतीक अहमद सोमवार शाम साढ़े 5 बजे प्रयागराज की नैनी जेल पहुंचा। अतीक का बेटा अली अहमद भी इसी जेल में बंद है। अतीक को उमेश पाल किडनैपिंग केस में मंगलवार को स्पेशल MP/MLA कोर्ट में पेश किया जाएगा। उसके भाई अशरफ को भी इसी केस में पुलिस बरेली से प्रयागराज लाई है।
इससे पहले 26 मार्च को सुबह यूपी STF के अफसर और 30 हथियारबंद जवान अहमदाबाद पहुंचे और शाम 4 बजे तक गुजरात पुलिस से अतीक की कस्टडी ली। 5 बजकर 44 मिनट पर अतीक को साबरमती जेल से बाहर लाया गया और वैन में बैठा दिया गया। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उसने कहा, ‘यूपी STF मेरी हत्या कर देगी।’
STF का काफिला अहमदाबाद से राजस्थान के उदयपुर-कोटा होते हुए मध्य प्रदेश में शिवपुरी के रास्ते सोमवार सुबह 9 बजे के करीब उत्तर प्रदेश में दाखिल हुआ। अहमदाबाद से STF टीम रविवार शाम 5:45 बजे निकली थी, जो सोमवार शाम 5:30 बजे प्रयागराज की नैनी जेल पहुंची। टीम ने 1300 किलोमीटर का सफर 23 घंटे 45 मिनट में पूरा किया। इस दौरान काफिला 8 जगह रुका।
अतीक अहमद को किस मामले में प्रयागराज लाया गया
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अतीक ने 2006 में उमेश पाल को गन पॉइंट पर अगवा कर लिया था। उमेश ने 2007 में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कराया था। इस केस में प्रयागराज की स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट 28 मार्च को फैसला सुनाएगी। इसी केस में आरोपी अतीक को कोर्ट में पेश करने के लिए यूपी STF उसे प्रयागराज लाई है।
अतीक के वकील ने कहा- हमें उनकी सुरक्षा की फिक्र
अतीक के वकील विजय मिश्रा ने कहा- ‘कोर्ट के आदेश पर अतीक अहमद को प्रयागराज कोर्ट लाया गया है। उन्हें बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा। कोर्ट जो भी फैसला सुनाएगी, वह हम स्वीकार करेंगे। अगर हमें न्याय नहीं मिला तो हम हाईकोर्ट जाएंगे। हमें अतीक अहमद की सुरक्षा की फिक्र है।’
गैंगस्टर अतीक अहमद को लेने साबरमती पहुंची STF टीम को पता नहीं था कि वह कहां और क्यों जा रही है। वहीं, अतीक को भी अंतिम क्षणों में पता चला कि उसे यूपी ले जाया जा रहा है।
गैंगस्टर अतीक अहमद को साबरमती जेल से प्रयागराज ले जाने के लिए रविवार सुबह साढ़े नौ बजे UP पुलिस की टीम अहमदाबाद साबरमती जेल पहुंची थी। इसमें करीब 30 पुलिसकर्मी शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक दो दिन पहले बनी उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की इस टीम को साबरमती जाने की जानकारी नहीं थी। टीम को शुक्रवार दोपहर बड़े अफसरों का फोन आया था कि वह तुरंत प्रयागराज पुलिस मुख्यालय पहुंचे। यहां दो वैन पहले से तैयार थीं। STF के जवानों को हथियारों के साथ इसमें बैठाया गया।
इस वैन के साथ एक बोलेरो भी थी। इसमें इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी बैठाए गए। इन्हें फोन के जरिए बड़े अफसर रूट की जानकारी दे रहे थे। साबरमती के लिए रवाना हुए अफसरों को बस यही कहा गया था कि जैसा बताया जाय, वैसे ही रूट फॉलो करना है। इधर, जेल में बंद अतीक को आखिरी वक्त तक पता नहीं था कि उसे UP ले जाने के लिए STF आई है। जब जेल में उसका मेडिकल हुआ, तब उसे जानकारी मिली।