राजस्थान में भाजपा ने कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को अनुशासनहीनता का नोटिस जारी किया है। पार्टी ने उनके फोन टैपिंग के बयान को अनुशासन के खिलाफ माना है और तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा है।
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से फोन पर चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया। माना जा रहा है कि राठौड़ दिल्ली में पार्टी नेतृत्व से मिलकर इस मुद्दे पर आगे की रणनीति तय करेंगे।
किरोड़ी बोले- मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही
नोटिस जारी होने के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, “मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं, नोटिस का जवाब तय समय में दे दूंगा।” हालांकि, वे लगातार अपने बयानों से पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा कर रहे थे।
इस्तीफा पहले ही दे चुके हैं मीणा
लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने 8 और 25 जून को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इस्तीफा भेजा, लेकिन वह स्वीकार नहीं हुआ।
फोन टैपिंग के आरोप से विधानसभा में हंगामा
6 फरवरी को किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया था कि उनका फोन टैप किया जा रहा है और उनके खिलाफ सीआईडी तैनात की गई है। उनके इस बयान के बाद विधानसभा में कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की और जमकर हंगामा हुआ।
पहले भी अपनी सरकार पर सवाल उठा चुके हैं किरोड़ी
किरोड़ी लाल मीणा पहले भी कई मौकों पर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं:
- फोन टैपिंग का आरोप – 6 फरवरी को मीणा ने कहा कि उनका फोन टैप किया जा रहा है और उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
- अपमान का आरोप – उन्होंने कहा था कि कांग्रेस राज में भी उनका अपमान हुआ और अब अपनी ही सरकार में भी हो रहा है।
- सरकार में रहते हुए खुद पर केस – दिसंबर 2023 में उन्होंने कहा था कि उनकी ही सरकार में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया।
- विधानसभा उपचुनाव में भाई की हार पर नाराजगी – जनवरी 2024 में उन्होंने कहा था कि उनके भाई को “अभिमन्यु की तरह घेरकर हराया गया।”
क्या मीणा का इस्तीफा अब मंजूर होगा?
अब जब भाजपा ने उन्हें अनुशासनहीनता का नोटिस जारी कर दिया है, सियासी हलकों में अटकलें तेज हैं कि क्या मुख्यमंत्री उनका इस्तीफा स्वीकार करेंगे? भाजपा पहले भी हरियाणा में मंत्री अनिल विज को इसी तरह का नोटिस जारी कर चुकी है।
मीणा के लगातार तीखे बयानों के चलते पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व उनके भविष्य को लेकर बड़ा फैसला ले सकता है।