राजस्थान में आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) के मामलों की जांच कर रही एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को एक नया ट्रेंड देखने को मिला है। पहले जहां भ्रष्ट अफसर अपनी काली कमाई को ज़मीन और सोने में निवेश करते थे, अब वही पैसा शेयर बाज़ार, म्यूचुअल फंड और बच्चों की विदेशी पढ़ाई पर खर्च किया जा रहा है।
जांच में सामने आया है कि कई सरकारी अफसर अब प्रॉपर्टी की बजाय डीमैट अकाउंट्स के ज़रिए करोड़ों रुपये शेयरों और फंड्स में इन्वेस्ट कर रहे हैं। इसके अलावा, बच्चों को विदेशों के महंगे स्कूलों और यूनिवर्सिटीज़ में भेजा जा रहा है।
चार प्रमुख मामलों से समझिए ट्रेंड का बदलता रुख
मामला 1: शेयर बाज़ार में 1.34 करोड़ रुपये का निवेश
11 मार्च 2025 को जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) के अधीक्षण अभियंता अविनाश शर्मा के सात ठिकानों पर छापेमारी हुई। ACB को 13 लाख रुपये नकद, 100 से अधिक प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट और 6.25 करोड़ रुपये की अवैध कमाई के सबूत मिले।
चौंकाने वाली बात यह रही कि आरोपी और उसके परिवार ने म्यूचुअल फंड और शेयर बाज़ार में 1.34 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इसके अलावा बच्चों की विदेशी पढ़ाई और बीमा पॉलिसियों के डॉक्यूमेंट भी मिले।
मामला 2: म्यूचुअल फंड में 50 लाख का निवेश
16 फरवरी 2024 को जोधपुर में PWD के अधिशाषी अभियंता दीपक मित्तल के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ACB को 50 लाख रुपये नकद, आधा किलो सोना, डेढ़ किलो चांदी और 50 लाख के म्यूचुअल फंड में निवेश के सबूत मिले।
साथ ही बीमा पॉलिसी और बच्चों की महंगी पढ़ाई से जुड़े दस्तावेज भी मिले। बच्चों की शिक्षा देश के महंगे संस्थानों जैसे सेंट जेवियर्स, JNU और एम्स गोरखपुर से हो रही थी।
मामला 3: विदेश में पढ़ाई और महंगे बीमा निवेश
23 जनवरी को जिला परिवहन अधिकारी (DTO) संजय शर्मा के जयपुर, भरतपुर और यूपी के मुरादाबाद स्थित 10 ठिकानों पर छापे पड़े।
ACB को 25 बीघा ज़मीन, प्रॉपर्टी दस्तावेज़, बीमा पॉलिसियों में निवेश और बच्चों की विदेश में पढ़ाई से जुड़े दस्तावेज़ मिले।
परिवार के यूरोप और अमेरिका ट्रिप पर 50 लाख रुपये खर्च किए गए थे। बेटा अमेरिका और दूसरा बेटा लंदन में पढ़ रहा है जबकि बेटी कजाकिस्तान से MBBS कर चुकी है।
मामला 4: एफडी में 1.87 करोड़ का निवेश
18 दिसंबर को जलदाय विभाग, डूंगरपुर के अधीक्षण अभियंता अनिल कछवाहा को रिश्वत लेते पकड़ा गया। सर्च में ACB को 9.22 लाख रुपये नकद, 1.87 करोड़ की एफडी और 88 लाख रुपये बैंक अकाउंट्स में जमा मिले।
इसके अलावा बच्चों की पढ़ाई पर भारी खर्च और पॉलिसी निवेश के दस्तावेज़ भी बरामद हुए।
काली कमाई का इस्तेमाल अब ‘स्मार्ट इन्वेस्टमेंट’ में
ACB की जांच बताती है कि पहले की तुलना में अब अफसर काली कमाई का इस्तेमाल ज़मीन और सोने से आगे बढ़कर शेयर बाज़ार और फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स में कर रहे हैं।
बच्चों की विदेशों में पढ़ाई और महंगी ट्रिप्स पर खर्च करना अब स्टेटस सिंबल बनता जा रहा है।
ACB के मुताबिक़, पहले अफसर बेनामी संपत्तियों में ज़्यादा निवेश करते थे, अब वित्तीय योजनाओं और विदेशी शिक्षा में तेज़ी से रुचि बढ़ रही है।