दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन रिजल्ट:प्रेसिडेंट,सेक्रेटरी और जॉइंट सेक्रेटरी पोस्ट पर ABVP की जीत;NSUI का वाइस प्रेसिडेंट

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नई दिल्ली:-दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (DUSU) चुनाव में प्रेसिडेंट, सेक्रेटरी और जॉइंट सेक्रेटरी पदों पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की जीत हुई है। वाइस प्रेसिडेंट पोस्ट NSUI ने जीती है।

प्रेसिडेंट पद पर तुषार डेढ़ा (ABVP) जीत गए हैं। उन्हें 23 हजार 460 वोट मिले। जबकि हितेश गुलिया (NSUI) को 20 हजार 345 वोट मिले।

वाइस प्रेसिडेंट पद के रिजल्ट


वाइस प्रेसिडेंट पद पर अभि दहिया (NSUI)जीत गए हैं। इस पोस्ट के लिए सुशांत धनखड़ (ABVP), अनुष्का चौधरी (AISA) और अंकित (SFI) भी मैदान में थे।

सेक्रेटरी पोस्ट के रिजल्ट
सेक्रेटरी पद पर अपराजिता (ABVP) विजयी रही हैं। यक्षना शर्मा (NSUI), आदित्य प्रताप सिंह (AISA) और अदिति त्यागी (SFI) भी चुनाव मैदान में उतरे थे।

जॉइंट सेक्रेटरी पोस्ट के रिजल्ट
जॉइंट सेक्रेटरी पोस्ट पर सचिन बैसला (ABVP) की जीत हुई है। शुभम कुमार चौधरी (NSUI), अंजलि कुमारी (AISA) और निष्ठा सिंह (SFI) ने भी इस पोस्ट के लिए किस्मत आजमाई थी।

4 सेंट्रल पोस्ट के लिए 24 उम्मीदवार
इस बार यूनिवर्सिटी की 4 सेंट्रल पोस्ट के लिए 24 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे थे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), कांग्रेस से जुड़े नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI), माकपा समर्थित स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) और CPI-ML (लिबरेशन) से संबद्ध ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने चारों पदों पर उम्मीदवार उतारे हैं।

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू बोले- राहुल गांधी ने जीत में मदद की
किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में ABVP को जीत की बधाई दी। उन्होंने लिखा, “राहुल गांधी ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में प्रचार किया, जिससे ABVP को अपना वोट शेयर बढ़ाने में मदद मिली। ABVP के सभी विनर्स, कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों को बधाई।”

4 साल बाद चुनाव, पिछली बार चार में से 3 पद ABVP जीती
दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्र संघ के चुनाव 4 साल बाद हुए हैं। आखिरी बार चुनाव 2019 में हुए थे। तब ABVP ने चार में से तीन सीटों पर कब्जा जमाया था। कोरोना के कारण 2020 और 2021 में चुनाव नहीं हो सके, जबकि एकेडमिक कैलेंडर में डिस्टर्बेंस के कारण 2022 में इलेक्शन शेड्यूल नहीं हुए।

चीफ इलेक्शन ऑफिसर प्रोफेसर चंद्रशेखर ने बताया कि यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को रिकॉर्ड 42% मतदान हुआ। 52 कॉलेजों में वोटिंग EVM से करवाई गई, जबकि कॉलेज यूनियन के लिए बैलट पेपर पर वोटिंग हुई। यह 2019 में हुए चुनाव के 39.90% से 2.10 फीसदी ज्यादा रहा। हालांकि 2018 में रिकॉर्ड 44.46% और 2017 में 42.8% वोटिंग हुई थी। ​​​

चुनाव पर खर्च किए 60 लाख से एक करोड़ रुपए
छात्रसंघ चुनाव की गाइडलाइंस बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 2005 में एक कमेटी बनाने का आदेश दिया था। 2006 में लिंगदोह कमेटी ने अपनी सिफारिशें दी कि एक कैंडिडेट प्रचार पर 5 हजार रुपए ही खर्च करेगा। इन्हें सुप्रीम कोर्ट ने भी मंजूर किया था।

इसके अनुसार एक कैंडिडेट सिर्फ 5 हजार रुपए खर्च कर सकता है। कमेटी ने कहा था कि प्रचार में किसी भी तरह के प्रिंटेड पोस्टर्स का इस्तेमाल नहीं होगा और इन्हें यूनिवर्सिटी की कुछ तय जगहों पर ही लगाया जाएगा। पर वर्कर्स बताते हैं कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रेसिडेंट इलेक्शन पर 60 लाख से 1 करोड़ रुपए तक खर्च किए गए।