कांग्रेस सांसद केसी वेणूगोपाल ने प्रधानमंत्री मोदी पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा कि “हमने आज भी राज्य सभा में प्रधानमंत्री का ड्रामा देखा।” राजीव शुक्ला ने इंदिरा गांधी को लेकर सदन में दिए गए प्रधानमंत्री के बयान को गलत बताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब में विपक्षी पार्टियों के नेताओं पर जमकर हमला किया। कीचड़-कमल पर शायरी, सेक्युलरिज्म की परिभाषा, नेहरू-गांधी परिवार पर सरनेम सहित कई बातों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि “अख़बारों में मैंने पढ़ा था कि 600 के करीब योजनाएं गांधी-नेहरू के नाम से हैं। मुझे यह समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम रखने से डरता क्यों है? क्या शर्मदगी है? यह सदियों पुराना देश… जन-जन की पीढ़ियों की परंपरा से बना हुआ देश है, यह देश किसी परिवार की जागीर नहीं है।”
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि “इतिहास उठा कर देख लिजिए कि वे कौन सी पार्टी थी जिन्होंने आर्टिकल 356 का सबसे ज्यादा दुरुपयोग किया। 90 बार चुनी हुई सरकारों को गिरा दिया। एक प्रधानमंत्री ने आर्टिकल 356 का 50 बार उपयोग किया, उनका नाम है श्रीमती इंदिरा गांधी।”
वोटबैंक के आधार पर ही चलती थी कांग्रेस नीति
प्रधानमंत्री मोदी ने लगातार विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि “इनकी राजनीति, अर्थ नीति और समाज नीति वोटबैंक के आधार पर ही चलती थी, लेकिन हमने रेहड़ी-ठेले पटरी वालों की चिंता की। PM स्वनिधि और PM विकास योजना के जरिए हमने समाज के एक बड़े वर्ग का सामर्थ्य बढ़ाने का काम किया है। कांग्रेस को बार-बार देश नकार रही है लेकिन कांग्रेस और उसके साथी अपनी साजिशों से बाज़ नहीं आ रही है लेकिन जनता इसे देख रही है और उनको हर मौके पर सज़ा भी दे रही है।”
राज्य सभा में आज भी प्रधानमंत्री का देखा ड्रामा
कांग्रेस सांसद केसी वेणूगोपाल ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि “हमने आज भी राज्य सभा में प्रधानमंत्री का ड्रामा देखा। असल मुद्दा विपक्ष का JPC की मांग है जिसके लिए विपक्ष वेल में आ गया था। वह(PM) सभी मुद्दों पर बात कर रहे लेकिन इसी (अदाणी) मुद्दे पर नहीं कर रहे। उन्होंने इतने नाम बदले और कई तो अपने नेताओं पर रखे।”
सवाल उठाने की नहीं मिली अनुमति
कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा कि “ये सूचना गलत है, इंदिरा गांधी ने जितने भी नामांकन भरे हैं सब में वे इंदिरा नेहरू गांधी लिखती थीं। ये आरोप गलत है।…हमने नारे इसलिए लगाए क्योंकि मल्लिकार्जुन खरगे के भाषण के तमाम अंश काट दिए गए थे, हम उस पर सवाल उठाना चाहते थे पर हमें अनुमति नहीं मिली।”