संसद में पीएम मोदी का पलटवार,राहुल गांधी और केजरीवाल पर बिना नाम लिए साधा निशाना

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के समर्थन में लोकसभा में संबोधन दिया। अपने 1 घंटे 35 मिनट के भाषण में उन्होंने विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया और गांधी परिवार व अरविंद केजरीवाल पर तीखे तंज कसे।

राहुल गांधी पर निशाना
प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण को “बोरिंग” बताया था। मोदी ने कहा, “जो लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराकर मनोरंजन करते हैं, उन्हें संसद में गरीबों की बात बोरिंग लगती है।” उन्होंने जल जीवन मिशन का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने 12 करोड़ परिवारों को नल से जल देने का काम किया है।

राहुल गांधी की जाति जनगणना की मांग पर पीएम ने गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा, “क्या किसी एससी या एसटी परिवार के तीन सदस्य एक साथ संसद में रहे हैं?” इस समय राहुल गांधी लोकसभा, प्रियंका गांधी राज्यसभा और सोनिया गांधी भी संसद का हिस्सा हैं।

राहुल के “इंडियन स्टेट से लड़ाई” वाले बयान पर मोदी ने कहा कि कुछ नेता अर्बन नक्सलियों की भाषा बोल रहे हैं। उन्होंने कहा, “इंडियन स्टेट के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले न देश की एकता को समझ सकते हैं और न ही इसके महत्व को।”

केजरीवाल पर तंज
दिल्ली में 5 फरवरी को होने वाले चुनाव से पहले पीएम मोदी ने केजरीवाल का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “हमने पैसों का इस्तेमाल शीशमहल बनाने में नहीं, देश बनाने में किया है। हम जहर की राजनीति नहीं करते हैं।”

यह बयान केजरीवाल के उस आरोप के संदर्भ में था, जिसमें उन्होंने कहा था कि हरियाणा सरकार ने यमुना का पानी जहरीला कर दिया है।

अंबेडकर को लेकर कांग्रेस पर हमला
पीएम मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह के “अंबेडकर और स्वर्ग” वाले बयान पर उठे विवाद को भी शांत करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “जो संविधान की बात करते हैं, उन्हें ज्यादा ज्ञान नहीं है। अंबेडकर ने नदियों को जोड़ने की वकालत की थी, लेकिन दशकों तक कुछ नहीं हुआ। हमने केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट शुरू किया।”

राजीव गांधी के बयान का जिक्र
मोदी ने राजीव गांधी के उस बयान को भी याद दिलाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि दिल्ली से निकला एक रुपया गांवों तक पहुंचते-पहुंचते 15 पैसे रह जाता है। मोदी ने तंज कसते हुए कहा, “उस समय पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक एक ही पार्टी का शासन था। तब आखिर 85 पैसे कहां जाते थे?”

संसद में प्रधानमंत्री के इस हमलावर भाषण को दिल्ली चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।