लोकसभा में शुक्रवार को गृह मंत्रालय के कामकाज पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बीते 10 वर्षों में आतंकवाद, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर में उग्रवाद जैसी समस्याओं पर निर्णायक कार्रवाई की गई है। शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है।
अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “कश्मीर में 33 साल के शासनकाल में विपक्ष सिनेमा हॉल तक नहीं खोल सका। हमने आर्टिकल 370 हटाया। जी-20 बैठक करवाई, चुनाव कराए और एक गोली नहीं चली।”
कांग्रेस और राहुल गांधी का नाम लिए बिना शाह ने कहा, “370 हटाने के नतीजों का हिसाब मांगने वालों को मैं कहना चाहता हूं- साहब, नजारा उनको दिखाया जाता है जिनकी नजर साफ हो। जो काले चश्मे पहनकर बैठे हैं, उनको विकास दिखाई नहीं देगा।”
शाह ने आगे कहा, “हम आतंकियों को देखते ही सीधे आंखों के बीच गोली मारते हैं। हमारी सरकार न आतंकवाद को बर्दाश्त कर सकती है, न आतंकवादियों को।” उन्होंने कहा कि कश्मीर में अब हालात इतने सुधर चुके हैं कि ‘हर घर तिरंगा’ अभियान में हर घर पर झंडा लहराया गया।
गृह मंत्री ने बताया कि पहले आतंकी मारे जाते थे तो बड़े जुलूस निकलते थे, लेकिन अब मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों को वहीं दफना दिया जाता है। उन्होंने कहा, “जो आतंकी बन गए, उनके परिवार सरकारी नौकरियों में थे। हमने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया। आज वे या तो श्रीनगर की जेल में हैं या दिल्ली की।”
वामपंथी उग्रवाद पर भी बोले शाह
अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद को कुछ लोग राजनीतिक समस्या मानते हैं, लेकिन ये गलत सोच है। उन्होंने दावा किया कि देश में वामपंथी उग्रवाद की कमर तोड़ दी गई है।
उन्होंने कहा, “2004 से 2014 के बीच और 2014 से 2024 के बीच तुलना करें तो फर्क साफ है। नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 126 से घटकर अब सिर्फ 12 रह गई है। 31 मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद खत्म हो जाएगा।”
शाह ने कहा कि पहले नक्सली कई थानों पर कब्जा कर समानांतर सरकार चलाते थे, अपनी करेंसी चलाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है।
बजट सत्र में पहले क्या हुआ?
20 मार्च को डीएमके सांसदों ने अपनी टीशर्ट पर ‘परिसीमन’ के खिलाफ नारे लिखकर विरोध जताया। स्पीकर ओम बिरला ने इस पर नाराज़गी जताई और कहा कि सांसद जब तक टीशर्ट बदलकर नहीं आएंगे, सदन नहीं चलेगा।
19 मार्च को गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा था कि मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई है। सरकार के मुताबिक, आतंकवादी घटनाओं में 71 प्रतिशत की गिरावट आई है और आतंकवादियों के लिए अब सिर्फ दो रास्ते बचे हैं – या तो जेल या जहन्नुम।