जम्मू-कश्मीर:इल्तिजा मुफ्ती की सुरक्षा में तैनात दो अफ़सर निलंबित,महबूबा मुफ्ती ने बताया ‘अन्याय’

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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती के दो निजी सुरक्षा अधिकारियों (PSO) को निलंबित कर दिया गया है। उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार ने यह कार्रवाई तब की जब इल्तिजा, श्रीनगर में नजरबंद होने के बावजूद कठुआ पहुंच गईं।

माखन दीन के परिवार से मुलाकात पर कार्रवाई

इल्तिजा मुफ्ती 9 फरवरी को कठुआ के बिलावर पहुंचीं, जहां उन्होंने पुलिस हिरासत के बाद आत्महत्या करने वाले माखन दीन के परिवार से मुलाकात की। 6 फरवरी को माखन दीन ने एक वीडियो रिकॉर्ड कर आत्महत्या कर ली थी, जिसमें उन्होंने पुलिस पर यातना देने का आरोप लगाया था।

इल्तिजा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके PSO को महज आधे घंटे में सस्पेंड कर दिया गया, लेकिन माखन दीन को प्रताड़ित करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

महबूबा मुफ्ती ने बताया ‘अन्याय’

महबूबा मुफ्ती ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार दोषियों पर कार्रवाई करने के बजाय निर्दोष लोगों को सजा दे रही है। उन्होंने उमर अब्दुल्ला सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि सोपोर में मारे गए वसीम मीर और कठुआ में माखन दीन की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

परिवार ने पुलिस पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया

माखन दीन के परिवार ने इल्तिजा से बातचीत में आरोप लगाया कि पुलिस ने उसे छोड़ने के लिए 5 लाख रुपये की मांग की थी। परिवार के मुताबिक, पैसे नहीं देने पर माखन को जेल में रखने की धमकी दी गई थी।

इल्तिजा का हाउस अरेस्ट का दावा

इल्तिजा मुफ्ती ने 8 फरवरी को दावा किया था कि उन्हें और उनकी मां महबूबा मुफ्ती को घर में नजरबंद कर दिया गया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दरवाजों पर लगे तालों की तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि “चुनाव के बाद भी कश्मीर में कुछ नहीं बदला है। अब पीड़ितों के परिवारों से मिलना भी अपराध माना जा रहा है।”

पिछले छह सालों में कई बार नजरबंद हुईं महबूबा मुफ्ती

महबूबा मुफ्ती को पिछले छह वर्षों में कई मौकों पर नजरबंद किया गया:

  • 5 अगस्त 2019: अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद हिरासत में लिया गया।
  • 7 सितंबर 2021: पार्टी मुख्यालय जाने से पहले नजरबंद किया गया।
  • 18 नवंबर 2021: हैदरपोरा मुठभेड़ में नागरिकों की मौत के विरोध के बाद घर में बंद रखा गया।
  • 11 अक्टूबर 2023: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दौरे के दौरान बाहर जाने से रोका गया।
  • 13 जुलाई 2024: ‘शहीद दिवस’ पर मजार-ए-शुहदा जाने से रोका गया।

महबूबा मुफ्ती और इल्तिजा मुफ्ती ने उमर सरकार पर कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताते हुए सवाल उठाए हैं, जबकि सरकार ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।