कैलाश गहलोत ने AAP से इस्तीफा देने के 24 घंटे बाद भाजपा जॉइन की

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आम आदमी पार्टी (AAP) और दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत ने सोमवार को भाजपा में शामिल हो गए। उनका भाजपा में स्वागत दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किया। गहलोत ने पार्टी जॉइन करने के बाद कहा, “लोग सोचते होंगे कि मैंने यह फैसला किसी दबाव में लिया है, लेकिन मैं आपको स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैंने कभी भी जीवन में दबाव में कोई निर्णय नहीं लिया। यह निर्णय मेरी व्यक्तिगत सोच और विचारधारा पर आधारित है।”

गहलोत ने आगे कहा, “मैं वकालत छोड़कर AAP से जुड़ा था और उस समय यह उम्मीद थी कि हम एक बेहतर राजनीति करेंगे। लेकिन जब मैंने देखा कि पार्टी के मूल्यों से समझौता हो रहा है, तो मुझे दुख हुआ। मेरी और पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं की यह भावना है कि आम आदमी की सेवा का उद्देश्य अब खत्म हो चुका है।”

केजरीवाल ने कहा- गहलोत को फैसला लेने की आज़ादी है

AAP प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गहलोत के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह अपना फैसला लेने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा, “वह जहां भी जाना चाहें, जा सकते हैं।”

AAP नेता संजय सिंह ने गहलोत के भाजपा जॉइन करने पर कहा, “दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले मोदी वॉशिंग मशीन काम करने लगी है, अब कई नेता इस मशीन के जरिए भाजपा में शामिल हो रहे हैं।” वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री आतिशी ने इसे भाजपा का ‘गंदा षड्यंत्र’ करार दिया और कहा कि भाजपा दिल्ली में ED और CBI के जरिए चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है।

गहलोत ने 17 नवंबर को केजरीवाल को लिखी थी चिट्ठी

गहलोत ने रविवार को AAP से इस्तीफा देने के साथ एक पत्र में केजरीवाल को बताया कि पार्टी अब उन मूल्यों से भटक गई है जिनके लिए वह उसमें शामिल हुए थे। उन्होंने लिखा, “AAP में अब गंभीर चुनौतियां हैं। पार्टी के सामने उन मूल्यों की समस्या है, जिनसे हमने शुरुआत की थी। राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं अब लोगों की सेवा से ऊपर हो गई हैं, और कई वादे पूरे नहीं किए गए।”

गहलोत ने पत्र में यमुना को स्वच्छ बनाने का वादा भी याद किया और कहा कि इस मुद्दे में भी कोई प्रगति नहीं हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि “अब यह संदेह होने लगा है कि क्या हम सच में आम आदमी हैं या नहीं।”

मुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे गहलोत

कैलाश गहलोत का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए भी चर्चा में था, खासकर जब अरविंद केजरीवाल ने जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफा दिया था। हालांकि, AAP ने आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया।

दिल्ली में तिरंगा विवाद से सुर्खियों में आए थे गहलोत

गहलोत दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने के विवाद के बाद सुर्खियों में आए थे। उस समय केजरीवाल ने चाहा था कि आतिशी झंडा फहराएं, लेकिन दिल्ली के उपराज्यपाल ने गहलोत को यह जिम्मेदारी दी थी। गहलोत के अच्छे रिश्ते LG से भी थे, और उनके मंत्रालय की फाइलें कभी भी राजभवन में अटकती नहीं थीं।

शराब घोटाले में ED से पूछताछ

गहलोत का नाम दिल्ली के शराब घोटाले में भी सामने आया था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनसे पूछताछ की थी, और वह आयकर विभाग की जांच के दायरे में भी थे। उनके ठिकानों पर टैक्स चोरी के मामले में तलाशी भी ली गई थी।

भाजपा ने गहलोत के फैसले को सराहा

दिल्ली भाजपा के नेता कपिल मिश्रा ने गहलोत के भाजपा जॉइन करने को स्वागत योग्य कदम बताते हुए कहा कि उन्होंने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार के कारण AAP में रहना अब संभव नहीं था। उन्होंने इसे “केजरीवाल गैंग की लूट और झूठ के खिलाफ गहलोत का कदम” बताया।

अनिल झा ने भाजपा छोड़ी और AAP जॉइन की

कैलाश गहलोत के भाजपा जॉइन करने के तीन घंटे बाद, दिल्ली भाजपा के पूर्व विधायक अनिल झा ने भी AAP छोड़ दी और भाजपा जॉइन की। उन्हें केजरीवाल की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। अनिल झा दो बार दिल्ली की किराड़ी विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं।