जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में रविवार रात आतंकियों ने डॉक्टर समेत 7 लोगों की हत्या की। सोमवार सुबह इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के लश्कर-ए-तयैबा के संगठन द रेजिस्टेंस फोर्स (TRF) ने ली। TRF चीफ शेख सज्जाद गुल इस हमले का मास्टरमाइंड था।
यह संगठन श्रीनगर-लेह नेशनल हाईवे की टनल कंस्ट्रक्शन साइट की 1 महीने से रेकी कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसी जगह हुए हमले में 2-3 आतंकी थे।
TRF पहले कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाता था, लेकिन पिछले एक से डेढ़ साल के दौरान संगठन ने अपनी स्ट्रेटेजी बदली है। TRF अब कश्मीरी पंडितों के अलावा सिख और गैर स्थानीय लोगों को भी निशाना बना रहा है।
देर रात हुए हमले के बाद से सुरक्षाबल हाई अलर्ट पर है। आतंकियों को ढूंढने के लिए रविवार देर रात शुरू हुआ सर्च ऑपरेशन सोमवार सुबह भी जारी है। घटना स्थल पर नेशनल इंटेलिजेंस एजेंसी (NIA) भी पहुंच गई है।
1 आतंकी भी ढेर
गांदरबल के इस हमले से 50 किलोमीटर दूर बारामूला में सुरक्षाबलों ने 1 आतंकी को भी मार गिराया है। उसके पास से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद हुए हैं। इस इलाके में भी सोमवार सुबह सर्च ऑपरेशन जारी है।
आतंकियों ने पंजाब और बिहार के मजदूरों को निशाना बनाया
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि डॉक्टर की पहचान बड़गाम के शहनवाज अहमद के तौर पर हुई है। अन्य 6 मृतकों की पहचान पंजाब के गुरदासपुर के गुरमीत सिंह, बहर के रहने वाले अनिल कुमार शुक्ला और फहीम नजीर, कठुआ के रहने वाले शशि अब्रोल, बिहार के मोहम्मद हनीफ और कलीम के रूप में की गई है। ये सभी केंद्र सरकार की तरफ से चल रहे सुरंग प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे।
4 दिन पहले भी गैर-स्थानीय युवक की हत्या की थी इससे पहले 16 अक्टूबर को शोपियां में आतंकियों ने गैर-स्थानीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक की पहचान अशोक चौहान के रूप में की गई थी। अशोक चौहान बिहार से जम्मू कश्मीर मजदूरी करने गए थे। उनका शव संदिग्ध परिस्थितियों में पाया गया।
अप्रैल में तीन टारगेट किलिंग हुई थीं
22 अप्रैल: राजौरी में आतंकियों ने एक घर पर फायरिंग की थी। इसमें 40 साल के मोहम्मद रज्जाक की मौत हो गई थी। वे कुंडा टोपे शाहदरा शरीफ के रहने वाले थे। अप्रैल में टारगेट किलिंग की ये तीसरी वारदात थी।
रज्जाक के भाई सेना में जवान हैं। 19 साल पहले आतंकियों ने इसी गांव में रज्जाक के पिता मोहम्मद अकबर की हत्या कर दी थी। वे वेलफेयर डिपार्टमेंट में काम करते थे। रज्जाक को पिता की जगह नौकरी मिली थी।
8 अप्रैल: दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के पदपावन में आतंकियों ने गैर कश्मीरी स्थानीय ड्राइवर परमजीत सिंह को गोली मारी थी। वह दिल्ली का रहने वाला था। आतंकियों ने परमजीत पर उस वक्त हमला किया था, जब वह अपनी ड्यूटी पर था। घटना को अंजाम देने के बाद आतंकी मौके से भाग निकले थे।
17 अप्रैल: आतंकियों ने बिहार के एक प्रवासी शंकर शाह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमलावरों ने उसे पेट और गर्दन में गोलियां मारी थीं।
श्रीनगर में 7 फरवरी 2024 को आतंकियों ने हब्बा कदल इलाके में सिख समुदाय के दो लोगों को AK-47 राइफल से गोली मारी दी थी। मृतकों की पहचान अमृतसर के रहने वाले अमृत पाल (31) और रोहित मसीह (25) के रूप में की गई थी। अमृत पाल की मौके पर ही मौत हो गई थी। रोहित ने इलाज के दौरान दम तोड़ा था।
पिछले 2 साल में टारगेट किलिंग की अन्य घटनाएं 26 फरवरी 2023:
आतंकियों ने पुलवामा में एक कश्मीरी पंडित संजय शर्मा की हत्या कर दी थी। वो अपने गांव में गार्ड का काम करते थे। सुबह के वक्त वह ड्यूटी से लौट रहे थे। तभी आतंकियों ने उन पर फायरिंग की थी।
29 मई 2023: अनंतनाग में आतंकियों ने एक नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक की पहचान दीपक कुमार के रूप में हुई थी। दीपक जम्मू के उधमपुर का रहने वाला था और अनंतनाग के जंगलात मंडी में सर्कस मेले में काम करता था।
15 अक्टूबर 2022: शोपियां के चौधरीगुंड गांव में आतंकियों ने पूरन कृष्ण भट्ट पर फायरिंग की थी। गंभीर रूप से घायल पूरन को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।
अगस्त 2022: शोपियां में आतंकियों ने बिहार के रहने वाले तीन प्रवासी मजदूरों को गोली मारी थी। इसके अलावा सेब के बाग में एक कश्मीरी पंडित की हत्या कर दी गई थी। बांदीपोरा में आतंकियों ने बिहार के एक प्रवासी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
नवंबर 2022: शोपियां में आतंकियों ने उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के रहने वाले दो मजदूरों की हत्या कर दी थी। शोपियां के हरमेन में आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका था, जिसमें मोनीश कुमार और राम सागर नाम के दो मजदूर घायल हो गए थे।