Jaipur : राजस्थान में बिहार की तर्ज पर पूर्ण शराबंदी की सिफारिश की गई है। बिहार में पूर्ण शराबबंदी के प्रभाव का अध्ययन करने हेतु पूजा भारती छाबड़ा के नेतृत्व में गई कमेटी ने गहलोत सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है। ्अब सीएम गहलोत को निर्णय लेना है। बता दें, राज्य सरकार ने शराबबंदी के प्रभाव का अध्ययन करने हेतु 15 सदस्य कमेटी पूजा भारती छाबड़ा राष्ट्रीय अध्यक्ष शराबबंदी आंदोलन के नेतृत्व में बिहार प्रदेश भेजी थी।कमेटी में पूजा भारती छाबड़ा, वरिष्ठ आबकारी अधिकारी विजय जोशी, गौरव छाबड़ा, एम एल गुप्ता एवं विष्णु दत्त शर्मा थे। कमेटी ने बिहार प्रदेश के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर तथ्य एकत्रित किए जिनका सत्यापन बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के साथ लगभग 1 घंटे के चर्चा में हुआ।मुख्यमंत्री जी ने कमेटी की जिज्ञासाओ का निराकरण भी किया। कमेटी ने जो अध्ययन में पाया और मुख्यमंत्री ने जो बताया उसे कमेटी पूर्ण रूप से संतुष्ट थी।अध्ययन के दौरान कमेटी ने पाया कि बिहार की महिला शक्ति भी आत्मनिर्भरता से लबलेज थी। बिहार राज्य में शराबबंदी की सफलता का श्रेय वहां की महिला शक्ति को भी जाता है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष शराबबंदी आंदोलन से जुड़ी पूजा भारती छाबड़ा ने बयान जानकारी कहा कि बिहार प्रदेश के मुख्य सचिव के नेतृत्व में बिहार राज्य के उच्च प्रशासन के अधिकारियों की एक मैराथन बैठक आयोजित की गई। जिसमें संबंधित विभागों के अधिकारियों ने क्रमवार द्वारा प्रस्तुत किया तथा कमेटी के जिज्ञासाओं का निराकरण किया वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जनता को धन हानि पहले शराब पीने में बर्बाद करती थी अब वह घरेलू सामान खरीदने में खर्च की जाती है इस वजह से सरकार का अन्य स्रोतों से टैक्स के रूप में राजस्व की आपूर्ति हो जाती है।
पूजा छाबड़ा ने कहा कि आज 10 बजे बिहार राज्य में लागू पूर्ण शराबबंदी के प्रभाव के अध्ययन की रिपोर्ट कमेटी ने आबकारी मंत्री परसादी लाल मीणा एवं कला एवं शिक्षा मंत्री डॉ बी. डी कल्ला जी के निवास पर रिपोर्ट सौंपी है। उन्होंने बताया कि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में पूर्ण शराब बंदी लागू करने की सिफारिश करते हुए कहा कि यदि राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की जाती है तो राज्य को किसी भी प्रकार का राजस्व हानि नहीं होगी