मोरबी ब्रिज हादसा:ओरेवा ग्रुप के एमडी ने कोर्ट में सरेंडर किया,जेल भेजे गए

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मोरबी:-मोरबी ब्रिज हादसे में आरोपी ओरेवा ग्रुप के MD जयसुख पटेल ने मंगलवार को मोरबी कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया। इसी महीने गुजरात पुलिस ने इस केस में 1262 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। इसमें ब्रिज गिरने के मामले में जयसुख पटेल को मुख्य आरोपी बनाया गया था। 24 जनवरी को गुजरात के एक कोर्ट ने पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था।

30 अक्टूबर 2022 को हुए मोरबी ब्रिज हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी।

सेशन कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी
मोरबी ब्रिज हादसे के मामले में गुजरात पुलिस ने नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें ओरेवा ग्रुप के चार कर्मचारी शामिल हैं। जयसुख पटेल का नाम FIR में भी आरोपी के रूप में दर्ज है। जयसुख ने 20 जनवरी को मोरबी की सेशन कोर्ट में याचिका दायर कर अग्रिम जमानत की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था।

हाईकोर्ट ने ग्रुप को नोटिस जारी किया था
गुजरात हाईकोर्ट इस मामले में सुनवाई कर रहा है। हाईकोर्ट ने पिछले महीने मोरबी सस्पेंशन ब्रिज का रखरखाव और संचालन करने वाली कंपनी अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा ग्रुप) को नोटिस जारी किया था। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि कंपनी को हादसे से हुए नुकसान के भुगतान के लिए उत्तरदायी बनाया जाए। अजंता कंपनी ने पुल की मरम्मत के लिए देवप्रकाश सॉल्यूशंस के साथ अनुबंध किया था।

सरकार को जानकारी दिए बिना या फिटनेस प्रमाणपत्र हासिल किए बिना दीपावली की छुट्टियों के दौरान पुल को लोगों के लिए खोल दिया गया।

पटेल 10वें आरोपी
इससे पहले मोरबी के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट एमजे खान ने पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। पुलिस की FIR में पटेल का नाम नहीं था। जांच के बाद 10वें आरोपी के रूप में पटेल का नाम जोड़ा गया।

मुआवजा देने की इच्छा जताई
हाल ही में गुजरात हाईकोर्ट में ओरेवा ग्रुप के मालिक जयसुख ने मारे गए लोगों के परिजन को मुआवजा देने की इच्छा जताई थी। पटेल ने कोर्ट से कहा था कि वह हादसे से दुखी हैं और घायलों को खुद मुआवजा देना चाहते हैं। इस बात पर कोर्ट ने कहा था वो अपने ऊपर लगे आरोपों से बच नहीं सकते।

135 के ज्यादा लोगों की मौत
मोरबी शहर में मच्छू नदी पर बना झूला पुल पिछले साल 30 अक्टूबर को गिर गया था। हादसे में135 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में 40 बच्चे भी शामिल थे। मोरबी नगरपालिका के साथ हुए एक समझौते के तहत ओरेवा ग्रुप ब्रिज का संचालन कर रहा था।
आम लोगों के लिए खोले जाने के महज 5 दिन बाद ही यह ब्रिज टूट गया।

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