नई दिल्ली:-बेंगलुरु में विपक्ष की दो दिन की बैठक मंगलवार शाम 4 बजे खत्म हो गई। इधर, दिल्ली के अशोका होटल में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) में शामिल 38 दलों की मीटिंग शुरू हो गई है। इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं।
NDA के 25 साल और केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने पर यह बैठक बुलाई गई है। इसमें 2024 लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से NDA गठबंधन की सरकार बनाने की रणनीति पर चर्चा होगी। NDA मई 1998 में बनाई गई थी, तब इसके संयोजक जार्ज फर्नांडिस थे।
महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे शिवसेना की ओर से और NCP के बागी गुट के नेता अजित पवार-प्रफुल्ल पटेल पहली बार बैठक में शामिल हो रहे हैं। प्रफुल्ल पटेल पटना में हुई विपक्ष की पहली बैठक में भी शामिल हुए थे। शिंदे उद्वव ठाकरे से बगावत के बाद NDA में शामिल हुए हैं।
बैठक से पहले प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा- यह बेहद खुशी की बात है कि पूरे भारत से हमारे मूल्यवान NDA साझेदार आज दिल्ली में बैठक में भाग लेंगे। हमारा टाइम टेस्टेड गठबंधन है जो राष्ट्रीय प्रगति को आगे बढ़ाने और क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा करना चाहता है।
NDA से कुछ बिछड़े कुछ जुड़े
बीते कुछ साल में भाजपा कुछ पुराने सहयोगी दल NDA से अलग हुए हैं। इनमें कर्नाटक से जनता दल (यूनाइटेड), महाराष्ट्र से उद्धव ठाकरे की शिवसेना और पंजाब से अकाली दल बादल शामिल हैं।हालांकि, एकनाथ शिंदे की शिवसेना, अजित पवार की NCP, उत्तर प्रदेश में ओपी राजभर की सुभासपा, बिहार में जीतन राम मांझी की HAM और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी भाजपा के साथ आई हैं।
भाजपा ने बिहार से चार पार्टियों को जोड़ा
भाजपा ने बिहार से 4 नेताओं चिराग, पशुपति पारस, मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टियों को NDA में जोड़ा है। भाजपा चिराग पासवान के जरिए लोकसभा चुनाव में बिहार के 4.5% दुसाध और पासवानों को साधने की कोशिश करेगी। LJP में फूट के बाद उन्होंने LJP (R) बनाई है। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान वे भाजपा से अलग हो गए थे।
इसके अलावा BJP पूर्व CM जीतन राम मांझी के जरिए बिहार के महादलित वोटों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश में है। वहीं उपेंद्र कुशवाहा के जरिए कुर्मी और कुशवाहा वोटों पर भाजपा सेंध लगाना चाहती है। इसके अलावा विकासशील इंसान पार्टी VIP के प्रमुख मुकेश सहनी भी भाजपा के संपर्क में हैं। हालांकि आज की बैठक में वे नहीं आए हैं।