मोदी NDA के नेता चुने गए:राजनाथ के प्रस्ताव का नीतीश-चंद्रबाबू ने समर्थन किया;PM बोले-हमारा गठबंधन भारत की असली आत्मा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) की संसदीय दल का नेता चुन लिया गया है। पुराने संसद (संविधान सदन) के सेंट्रल हॉल में सुबह 11 बजे शुरू हुई मीटिंग में NDA के 13 दलों के नेता शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने कहा- मुझे नया दायित्व देने के लिए आभार। NDA गठबंधन सच्चे अर्थों में भारत की असली स्पिरिट है।

आज की बैठक में NDA के सभी 293 सांसद, राज्यसभा सांसद और सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी CM मौजूद हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‌डा ने स्वागत भाषण दिया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा। अमित शाह ने इसका समर्थन किया और नितिन गडकरी ने अनुमोदन किया। जेडीएस अध्यक्ष कुमारस्वामी ने प्रस्ताव का समर्थन किया।

इसके बाद NDA के अहम घटक TDP प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने कहा- हम सभी को बधाई देते हैं। मैंने चुनाव प्रचार के दौरान देखा है कि 3 महीने तक पीएम ने कभी आराम नहीं किया। उन्होंने उसी भावना के साथ शुरुआत की और उसी भावना के साथ खत्म किया। आंध्र में हमने 3 जनसभाएं और 1 बड़ी रैली की और इसने चुनाव जीतने में बहुत बड़ा अंतर पैदा किया।

JDU प्रमुख और बिहार के CM नीतीश कुमार ने कहा- मैं मोदीजी के नाम का समर्थन करता हूं। मैं तो चाहता था कि वो आज ही शपथ लें। यह बहुत खुशी की बात है कि 10 साल से PM हैं, अब फिर PM होने जा रहे हैं। इन्होंने देश की सेवा की, जो कुछ भी बचा है, उसे अब पूरा कर देंगे। अगली बार जब आप आइएगा तो जो कुछ इधर उधर के लोग जो जीत गया है न, वो कोई नहीं जीतेगा।

सूत्रों के मुताबिक, संसद के सेंट्रल हॉल में NDA की मीटिंग खत्म होने के बाद गठबंधन के नेता आज ही सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। मोदी 9 जून को शाम 6 बजे राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री पद की तीसरी बार शपथ ले सकते हैं। खबर है कि मोदी के साथ पूरा मंत्रिमंडल शपथ ले सकता है।

लोकसभा चुनाव में भाजपा को 240 सीटें मिली हैं। यह बहुमत के आंकड़े (272) से 32 सीटें कम हैं। हालांकि, NDA ने 293 सीटों के साथ बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया। NDA में भाजपा के अलावा 14 सहयोगी दलों के 53 सांसद हैं।

गठबंधन में चंद्रबाबू की TDP 16 सीटों के साथ दूसरी और नीतीश की JDU 12 सीटों के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। दोनों ही पार्टियां इस वक्त भाजपा के लिए जरूरी हैं। इनके बिना भाजपा का सरकार बनाना मुश्किल है।

अगले 10 साल में विकास, क्वालिटी ऑफ लाइफ लाएंगे

चाहे मैं गुजरात में रहा, आंध्र में चंद्रबाबू या नीतीश बाबू ने बिहार में सेवा की, सबके केंद्र में गरीब का कल्याण रहा। देश ने एनडीए के गरीब कल्याण के, गुड गवर्नेंस के 10 साल को देखा है। मैं कह सकता हूं कि देश ने इसे जीया है।

जनता जनार्दन ने सरकार क्या होती है, सरकार क्यों होती है, किसके लिए होती है, कैसे काम करती है, इसको पहली बार अनुभव किया है। इससे पहले जनता और सरकार के बीच खाई बनी रहती थी। हमने इसको पाट दिया है। हमने सबका प्रयास का मंत्र जनता के बीच ले जाने का प्रयास किया है।

एनडीए सरकार के रूप में अगले 10 साल में, मैं बहुत जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं। अगले 10 साल में। अगले 10 साल में विकास, क्वालिटी ऑफ लाइफ लाएंगे। सामान्य लोग खासतौर पर मध्यम वर्ग और उच्च मध्यम वर्ग के जीवन में सरकार का दखल जितना कम हो, लोकतंत्र की उतनी मजबूती है।

यह राष्ट्र प्रथम, नेशन फर्स्ट की भावना से जुड़ा समूह है

साथियो इस बात को राजनीति के विशेषज्ञ मुक्त मन से, मुक्त मन शब्द बहुत मन का है, वे सोचेंगे तो पाएंगे कि एनडीए सत्ता हासिल करने का या सरकार चलाने के कुछ दलों का जमावड़ा नहीं है, यह राष्ट्र प्रथम, नेशन फर्स्ट की भावना से जुड़ा समूह है।

यह भारत की राजनीतिक व्यवस्था में एक ऑर्गेनिक अलायंस है। यह मूल्य श्रद्धेय अटल जी, प्रकाश बादल, जॉर्ज फर्नांडीस, बाला साहेब जैसे लोगों ने जो बीज बोया, भारत की जनता ने विश्वास का सिंचन करके इसे वट वृक्ष बना दिया।

हम सबके पास ऐसे महान नेताओं की विरासत है। हमने 10 वर्षों में इसे ही लेकर आगे बढ़ने का प्रयास किया है। इसमें कॉमन चीज नजर आती है, वो है गुड गवर्नेंस। सबसे अपने अपने कार्यकाल में देश को गुड गवर्नेंस दिया है। एनडीए कहते ही गुड गवर्नेंस इसका पर्यायवाची बन जाता है।

हिंदुस्तान की राजनीति में NDA जितना सफल कोई नहीं

हम सर्व पंथ समभाव के संविधान के प्रावधान को समर्पित हैं। गोवा हो या नॉर्थ ईस्ट हों, जहां बहुत बड़ी संख्या में ईसाई भाई-बहन रहते हैं, आज उन राज्यों में भी एनडीए के रूप में सेवा का अवसर हमें मिला है।

साथियों, प्री पोल अलायंस हिंदुस्तान की राजनीति के गठबंधन के इतिहास में इतना सफल कभी नहीं हुआ, जितना एनडीए हुआ है। यह गठबंधन की विजय है। हमने बहुमत हासिल किया है। कई बार कह चुका हूं, भले शब्द अलग होंगे, लेकिन भाव यह है कि सरकार चलाने के लिए बहुमत चाहिए लेकिन देश चलाने के लिए सर्वमत जरूरी होता है।

मैं देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपने जो देश चलाने का दायित्व दिया है, हम सर्वमत का सम्मान करेंगे और देश को प्रगति की तरफ ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। तीन दशक से एनडीए बरकरार है। यह कोई साधारण बात नहीं है।

मैं गर्व के साथ कहता हूं कि संगठन के कार्यकर्ता के तौर पर इसका हिस्सा था, व्यवस्थाओं को देखता था। अब आपके साथ बैठा हूं। मेरा भी नाता 30 साल का है। मैं कह सकता हूं कि यह सबसे सफल अलायंस है। पांच साल का टर्म होता है, इस अलायंस ने पांच पांच साल के तीन टर्म सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। अलायंस चौथे टर्म में एंटर कर रहा है।