नई दिल्ली:-नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने इतिहास, नागरिक शास्त्र, राजनीति विज्ञान और हिन्दी की किताबों से कई चैप्टर और जानकारियां हटा दी हैं। इसमें मुगलों, महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे, 2002 के गुजरात दंगे, इमरजेंसी, शीतयुद्ध और नक्सली आंदोलन से जुड़े फैक्ट शामिल हैं।
सरकार के इस फैसले का विपक्ष ने विरोध किया है। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार बदले की भावना से किताबों में दिए गए ऐतिहासिक तथ्यों की लीपापोती कर रही है। विपक्ष के आरोपों के बाद शिक्षा मंत्रालय शनिवार को कहा है कि 25 एक्सपर्ट्स और CBSE के 16 टीचर्स की सलाह के बाद ही सिलेबस को रैशनलाइज (युक्तिसंगत) बनाया है। जो हटाया है, उसे वापस नहीं लाएंगे।
सिलेबस में बदलाव करने वाले पैनल का पता कैसे चला, 4 पॉइंट में समझें…
1. लोकसभा में NCP सांसद मोहम्मद फैजल ने पूछा था सवाल
पिछले साल 18 जुलाई 2022 को लोकसभा में NCP सांसद मोहम्मद फैजल ने NCERT सिलेबस में बदलाव से जुड़ा सवाल पूछा था। इसके जवाब में ही पता चला कि शिक्षा मंत्रालय ने बकायदा इसके लिए एक्सपर्ट नियुक्त किए थे, जिन्होंने सिलेबस में बदलाव की सलाह दी। सबसे ज्यादा बदलाव इतिहास और राजनीति विज्ञान में हुए हैं। इतिहास के लिए 5 और पॉलिटिकल साइंस के लिए 2 एक्सपर्ट की मदद ली गई।
2. सरकार बोली- बदलाव 2024 के सेशन के लिए, जो हटाया उसे वापस नहीं लाएंगे
सिलेबस सामने आते ही विपक्ष केंद्र पर बदले की भावना से लीपापोती करने का आरोप लगा रहा है। लेकिन NCERT निदेशक दिनेश सकलानी का कहना है कि बदलाव के बारे में आधिकारिक जानकारी देने में कुछ तथ्य भूलवश रह गए होंगे। विशेषज्ञों की सिफारिशों के बाद हटाए गए चैप्टर्स को दोबारा किताबों में नहीं जोड़ा जा सकता है। वैसे भी नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के तहत 2024 के सेशन के लिए किताबें लगभग संशोधित हो चुकी हैं।
3. सिलेबस में बदलाव के लिए जिनसे सलाह ली गई वे कौन
NCERT ने इतिहास के लिए जिन एक्सपर्ट्स से सलाह ली, उनमें JNU के हिस्ट्री प्रोफेसर उमेश कदम, हिंदू कॉलेज हिस्ट्री की एसोसिएट प्रोफेसर अर्चना वर्मा, DPS आरके पुरम की हिस्ट्री टीचर श्रुति मिश्रा, केवि दिल्ली के दो अन्य टीचर कृष्णा रंजन और सुनील कुमार शामिल हैं।
4. पॉलिटिकल साइंस के लिए भोपाल के असिस्टेंट प्रोफेसर चुने गए
राजनीति विज्ञान की किताबों के लिए NCERT ने चार विशेषज्ञों के साथ दो मीटिंग के जरिए परामर्श लिया था। इनमें भोपाल में एनसीईआरटी के रीजनल एजुकेशन इंस्टीट्यूट में राजनीति विज्ञान के सहायक प्रोफेसर वनथंगपुई खोबंग, हिंदू कॉलेज में राजनीति विज्ञान पढ़ाने वालीं मनीषा पांडे, हैं और स्कूल टीचर कविता जैन और सुनीता कथूरिया शामिल थे।