भारतीय कुश्ती संघ (WFI) में पिछले एक साल से चल रहे विवाद के बीच बुधवार को 100 से ज्यादा जूनियर रेसलर्स ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। इन पहलवानों का आरोप है कि साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट की वजह से उनके करियर का एक साल बर्बाद हो गया।
ये जूनियर पहलवान बसों में सवार होकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से आए हैं। इस बारे में दिल्ली पुलिस को भी जानकारी नहीं थी। प्रदर्शन कर रहे इन जूनियर पहलवानों की मांग है कि भारतीय कुश्ती संघ के निलंबन के फैसले को केंद्र सरकार वापस ले।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, इन जूनियर पहलवानों और उनके कोचों ने कहा कि अगर कुश्ती संघ को बहाल नहीं किया गया तो ये अपने अर्जुन अवॉर्ड वापस करेंगे।
अब जानिए क्या है पहलवानों और कुश्ती संघ के बीच का विवाद…
जनवरी 2023 में विनेश, साक्षी, बजरंग ने शुरू किया था धरना
18 जनवरी 2023 को विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने जंतर-मंतर पर धरना शुरू किया। इन्होंने उस वक्त कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए। इसके बाद 23 जनवरी को मैरीकॉम की अगुआई में पांच सदस्यीय निगरानी समिति गठित की गई।
4 मई को बृजभूषण पर FIR दर्ज
25 अप्रैल को पहलवान सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। बृजभूषण के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की। 3 मई को पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच झड़प हुई। कुछ प्रदर्शनकारियों को सिर में चोटें भी आईं। इसके अगले दिन 4 मई को बृजभूषण पर FIR दर्ज की गई। 7 जून को अनुराग ठाकुर ने पहलवानों को आश्वासन दिया कि बृजभूषण के खिलाफ पुलिस जांच होगी। इसके बाद विरोध रुका।
नई WFI बॉडी और उसके अध्यक्ष सस्पेंड
चुनाव में लगातार देरी होने पर 23 अगस्त को UWW ने WFI को निलंबित कर दिया। फिर दिसंबर में WFI के चुनाव 21 दिसंबर को निर्धारित हुए। चुनाव में बृजभूषण के करीबी संजय सिंह नए प्रमुख WFI बने। जिसके बाद साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया। बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट ने पदक लौटा दिए। फिर 24 दिसंबर को केंद्र सरकार ने नए अध्यक्ष समेत WFI को सस्पेंड कर दिया।