नई दिल्ली:-मणिपुर हिंसा पर गुरुवार को भी संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। लोकसभा शुरू होते ही विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। जिसके कारण सिर्फ 6 मिनट बाद ही स्पीकर ओम बिड़ला ने कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया। नारेबाजी के कारण इसे 3 बजे तक दोबारा स्थगित कर दिया।
उधर, राज्यसभा में भी विपक्ष के सांसद तख्तियां लेकर पहुंचे और प्रधानमंत्री सदन में आओ, सदन में आके कुछ तो बोलो, प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ो… जैसे नारे लगाते देखे गए। यह देख NDA के सांसद मोदी…मोदी… के नारे लगाने लगे, तो विपक्ष ने I.N.D.I.A… I.N.D.I.A के नारे लगाए।
नारेबाजी के बीच पहले राज्यसभा 12 बजे तक और उसके बाद 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्षी सांसद मणिपुर हिंसा के विरोध में काले कपड़े पहनकर पहुंचे। हालांकि सदस्यों ने लंच के बाद सदन से वॉकआउट कर दिया।
खड़गे की संजय सिंह काे सलाह- रातभर प्रदर्शन की जरूरत नहीं
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी के निलंबित राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को सलाह दी कि वे रात भर धरने पर न बैठें। बजाय इसके वे हर दिन संसद की कार्यवाही समाप्त होने पर अपना प्रदर्शन भी खत्म कर दिया करें।
वहीं, PM मोदी के राजस्थान दौरे पर खड़गे ने कहा कि पीएम मोदी संसद में नहीं बल्कि राजस्थान में राजनीतिक भाषण दे रहे हैं। खड़गे ने कहा कि लोग अब जागरूक हो गए हैं और इस तरह की राजनीति के खिलाफ लड़ेंगे।आप लोकतंत्र के मंदिर संसद में बात नहीं करना चाहते हैं, लेकिन राजस्थान में नए मेडिकल कॉलेज खोलने पर राजनीतिक भाषण दे रहे हैं।
जानिए दोनों सदन में क्या-क्या हुआ…
- लोकसभा स्पीकर ने विपक्षी सदस्यों को फटकारा: लोकसभा में हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कड़ी फटकार लगाई। स्पीकर ने कहा कि पूरा देश देख रहा है, आपके उसके सामने कैसा उदाहरण पेश करना चाहते हैं। हंगामा न रुकता देख स्पीकर ने सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित किया। 2 बजे कार्यवाही दोबारा शुरू तो हुई, लेकिन नारेबाजी लगातार जारी रही।
- राज्यसभा में मोदी Vs I.N.D.I.A नारे लगे: राज्यसभा में भी जमकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर जब बयान दे रहे थे। विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के जवाब में BJP सांसदों ने ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाने शुरू किए। थोड़ी ही देर में विपक्ष ‘I.N.D.I.A,I.N.D.I.A’ के नारे लगाने लगा। शोर की वजह से विदेश मंत्री की आवाज समझ में ही नहीं आ रही थी। शोर ना थमता देख सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को पहले 12 बजे तक फिर 2 बजे तक स्थगित रखा।
संसद के मानसून सत्र के अपडेट्स…
- सपा नेता, राम गोपाल यादव ने कहा, ‘कोई विरोध प्रदर्शन नहीं होगा… हर कोई काले कपड़े पहनेगा या अपनी बांह पर काला कपड़ा बांधेगा… हम चिंतित हैं क्योंकि मणिपुर की सीमा म्यांमार से लगती है, जहां सैन्य शासन है और आतंकवादियों को पनाह देता है।’
- कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने कहा, ‘हमारी मांग थी कि PM खुद आकर बोलें। पता नहीं क्यों प्रधानमंत्री नहीं बोल रहे हैं। हमें मजबूरन अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा। ये हमारी मजबूरी है। हम जानते हैं कि इससे सरकार नहीं गिरेगी।
- जनता दल (U) ने राज्यसभा में अपने सांसदों को दिल्ली सेवाओं पर केंद्र के विधेयक के खिलाफ वोटिंग करने के राज्यसभा में मौजूद रहे व्हिप जारी किया है।
- कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भारत-चीन बॉर्डर के हालात पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
- न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A ने राज्यसभा में होने वाली बिजनेस एडवायजरी कमेटी (BAC) की बैठक का बॉयकॉट कर सकता है।
कांग्रेस ने पेश किया नो-कॉन्फिडेंस मोशन
मानसून सत्र के पांचवें दिन 26 जुलाई को कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। जिसे लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने मंजूरी दे दी। स्पीकर ने नियमों के तहत 50 से ज्यादा सांसदों के समर्थन के बाद कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का समय, सभी दलों से बातचीत के बाद तय करेंगे।
सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की भविष्यवाणी PM मोदी ने 5 साल पहले ही कर दी थी। दरअसल, 2018 में जब संसद में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, तब लोकसभा में जवाब देते हुए PM मोदी ने कहा था, “मैं आपको शुभकामनाएं देना चाहता हूं कि आप इतनी तैयारी करें कि आपको 2023 में फिर से अविश्वास लाने का मौका मिले।”
अविश्वास प्रस्ताव से जुड़ी वे बातें जो आप जानना चाहते हैं….
1. अविश्वास प्रस्ताव लाने के पीछे विपक्ष का मकसद क्या है
विपक्ष जानता है कि सरकार सदन में आसानी से बहुमत साबित कर देगी, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव मंजूरी के बाद प्रधानमंत्री का भाषण भी होगा। यानी बहस के दौरान मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरकर वे धारणा की लड़ाई जीत लेंगे।
हालांकि, सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर की स्थिति पर बहस का जवाब देंगे।
2. प्रस्ताव को 50 सांसदों ने समर्थन दिया, ये आंकड़ा जरूरी था
कांग्रेस जो अविश्वास प्रस्ताव लाई, उसे 50 सांसदों का समर्थन मिला। यह आंकड़ा रूल्स ऑफ प्रोसीजर एंड कंडक्ट ऑफ लोकसभा के रूल 198 के तहत आता है। इसके पहले अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले को सुबह 10 बजे लिखित सूचना देनी होती है। जिसे अध्यक्ष सदन में पढ़ते हैं। समर्थन मिलने के बाद अध्यक्ष बहस की तारीख बताते हैं। यानी प्रस्ताव स्वीकृत होने के 10 दिन के अंदर बहस होगी।
अगर ऐसा नहीं होता, तो प्रस्ताव फेल हो जाता है और इसे लाने वाले सदस्य को इसी सूचना दे दी जाती है। वहीं दूसरी तरफ अगर सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाती तो उसे इस्तीफा देना पड़ता है।
3. लोकसभा में क्या है सरकार की मौजूदा स्थिति
लोकसभा में वर्तमान में 543 सीटें हैं। जिनमें से पांच खाली हैं। अभी लोकसभा में NDA के 335 सांसद हैं। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के 140 से ज्यादा सांसद हैं। वहीं 60 से सांसद उन पार्टियों के हैं जो न तो NDA से जुड़े हैं न I.N.D.I.A से।
मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव 20 जुलाई 2018 को आया था। तब सरकार को 325, विपक्ष को 126 वोट मिले थे।
पहला अविश्वास प्रस्ताव नेहरू सरकार के खिलाफ 1963 में जेबी कृपलानी लाए थे। तब से अब तक 26 बार अविश्वास प्रस्ताव लाए जा चुके हैं।
केंद्र सरकार मानसून सत्र में 31 बिल लाएगी, सत्र में 17 बैठकें होंगी
मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान 17 बैठकें होंगी। केंद्र सरकार मानसून सत्र में 31 बिल ला रही है। इनमें 21 नए बिल हैं, वहीं 10 बिल पहले संसद में किसी एक सदन में पेश हो चुके हैं। उन पर चर्चा होगी। सबसे ज्यादा चर्चित बिल दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा अध्यादेश है।