नई दिल्ली:-जापान के हिरोशिमा शहर में शुक्रवार को G7 की बैठक के लिए दुनिया की 7 कथित बड़ी अर्थव्यवस्था के नेता एक मंच पर जुटे हैं। गेस्ट के तौर पर इस बैठक में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रवाना हो चुके हैं। वहीं, जापान पहुंचने के बाद G7 के सभी नेताओं ने सेकेंड वर्ल्ड वॉर में हिरोशिमा पर हुए परमाणु हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी।
21 मई तक चलने वाली इस बैठक में क्लाइमेट चेंज और अर्थव्यवस्था के साथ-साथ चीन और रूस पर चर्चा की जाएगी। अमेरिका यूक्रेन जंग के चलते रूस पर 300 पाबंदियां लगाने की योजना बना रहा है। वहीं, बैठक शुरू होने से पहले ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने रूस के हीरों पर बैन लगाने की घोषणा कर दी है। इसके अलावा ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भी इस बैठक में शामिल होंगे।
पहली बार हिरोशिमा जा रहे भारतीय प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज G-7 समिट के लिए जापान के हिरोशिमा रवाना होंगे। इसकी जानकारी देते हुए मोदी यहां 21 मई तक रहेंगे। 66 साल बाद यह पहला मौका है जब भारत का कोई प्रधानमंत्री जापान के हिरोशिमा शहर पहुंच रहा है। जवाहरलाल नेहरू 1957 में हिरोशिमा गए थे।
दौरा इसलिए अहम…
हिरोशिमा में मोदी की मौजूदगी अहम है। दरअसल, भारत उन देशों में शामिल है जिसने न्यूक्लियर नॉन-प्रोलिफरेशन ट्रीटी (परमाणु अप्रसार संधि या NPT) पर साइन नहीं किए हैं। इस समझौते का उद्देश्य परमाणु परीक्षण पर रोक लगाना है। हिरोशिमा दुनिया का पहला शहर है, जहां इतिहास का पहला और अब तक आखिरी एटमी हमला किया गया था।
पीस मेमोरियल पार्क भी जाएंगे
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा- हिरोशिमा में मोदी महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। समिट के बाद वो G-7 नेताओं के साथ पीस मेमोरियल पार्क भी जाएंगे। ये पार्क न्यूक्लियर अटैक के पीड़ितों की याद में बनाया गया है।
QUAD मीटिंग सिडनी की जगह हिरोशिमा में कराने की कोशिश
क्वात्रा ने कहा- मोदी जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा समेत अन्य देशों के नेताओं के साथ आपसी संबंधों पर चर्चा करेंगे। हम कोशिश कर रहे हैं कि QUAD देशों के नेताओं की बैठक भी हिरोशिमा में ही हो जाए। इसकी वजह यह है कि डेट्स की प्रॉब्लम के चलते अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सिडनी दौरा रद्द कर चुके हैं।
क्वात्रा ने बताया कि G-7 समिट के बाद PM मोदी पापुआ न्यू गिनी जाएंगे। यहां वो कुछ ही घंटे रुकेंगे और फिर 22 मई को ऑस्ट्रेलिया रवाना हो जाएंगे।
चीन के दबदबे को कम करने G7 देश बनाएंगे प्लान
न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक- समिट के दौरान रूस-यूक्रेन जंग पर भी चर्चा होगी। अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि इस दौरान चीन के बढ़ते आर्थिक दबदबे पर चर्चा की जाएगी। जॉइंट स्टेटमेंट में एक पूरा सेक्शन चीन की चुनौती से निपटने के तरीकों पर भी होगा।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन की फॉरेन पॉलिसी का फोकस चीन से मुकाबले पर है। हालांकि, डोनाल्ड ट्रम्प ने भी G7 के जरिए चीन के आर्थिक दबदबे पर सवाल उठाए थे, लेकिन उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया था।
हिरोशिमा में शुरू हो रही बैठक चीन के खिलाफ G7 देशों की एकजुटता को भी परखेगी। दरअसल, पिछले महीने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने चीन से लौटने के बाद वन चाइना पॉलिसी का समर्थन किया था। मैक्रों ने कहा था कि हमें चीन से संबंधों पर अमेरिका के दबाव से बचना होगा। ऐसे में फ्रांस G7 देशों के जॉइंट स्टेटमेंट में चीन के खिलाफ बयानबाजी को लेकर बचने की कोशिश कर सकता है।