प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार रात फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंचे, जहां उन्होंने एयरपोर्ट पर भारतीय समुदाय से मुलाकात की। फ्रांस सरकार ने उनके सम्मान में मशहूर एलिसी पैलेस में वीवीआईपी डिनर का आयोजन किया, जिसमें राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत कई अन्य देशों के नेता भी मौजूद रहे।
दो दिवसीय दौरा, अहम बैठकों का सिलसिला
यह यात्रा दो दिनों की है, जिसमें पीएम मोदी आज एआई समिट में हिस्सा लेंगे और राष्ट्रपति मैक्रों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। यह उनका सातवां फ्रांस दौरा है। इससे पहले, वह 2023 में फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस (बास्तिल डे) समारोह में शामिल हुए थे।
फ्रांस रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि वह एआई समिट की सह-अध्यक्षता करने को लेकर उत्साहित हैं। इसके बाद वह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निमंत्रण पर अमेरिका भी जाएंगे।
व्यापार और रक्षा समझौते चर्चा में
पीएम मोदी इस दौरे के दौरान फ्रांस में पहले भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे और इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर परियोजना का दौरा करेंगे। साथ ही, प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को मजारग्यूज युद्ध समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि देंगे।
भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल मरीन फाइटर जेट और 3 स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन की खरीद सहित कई रक्षा समझौतों को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है।
एआई समिट और वैश्विक भागीदारी
11 फरवरी को पीएम मोदी पेरिस के ग्रैंड पैलेस में राष्ट्रपति मैक्रों के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक्शन समिट 2025 की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस समिट में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, चीन के उप प्रधानमंत्री और ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन समेत टेक जगत की कई हस्तियां शामिल हो सकती हैं।
समिट में एआई के जिम्मेदार उपयोग और इसके संभावित खतरों को लेकर चर्चा होगी। साथ ही, इसमें वैश्विक राजनीति और आर्थिक सहयोग से जुड़े मुद्दे भी उठ सकते हैं।
फ्रांस और भारत के ऐतिहासिक संबंध
भारत और फ्रांस के रिश्ते दशकों से गहरे रहे हैं। 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद जब कई देशों ने भारत से दूरी बना ली थी, तब फ्रांस ने उसका समर्थन किया। फ्रांस संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर और आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के पक्ष में खड़ा रहा है और पाकिस्तान के प्रस्तावों को वीटो करता आया है।
फ्रांस भारत का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता बन चुका है। भारत को मिराज 2000, राफेल फाइटर जेट और स्कॉर्पीन पनडुब्बियां फ्रांस से मिली हैं। साथ ही, महाराष्ट्र के जैतापुर में न्यूक्लियर प्लांट की स्थापना में भी फ्रांस ने अहम भूमिका निभाई है।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग
फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र में भारत को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाए जाने का समर्थन किया है और न्यूक्लियर सप्लाय ग्रुप (NSG) में भारत की सदस्यता का भी पक्षधर रहा है। जनवरी 2024 में गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रपति मैक्रों मुख्य अतिथि थे, जिससे दोनों देशों के संबंधों की मजबूती का संकेत मिला।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के आर्थिक, रक्षा और तकनीकी सहयोग को और गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।