कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को पार्टी के नए मुख्यालय के उद्घाटन के मौके पर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस न केवल भाजपा और RSS से, बल्कि भारत सरकार से भी लड़ाई लड़ रही है। राहुल के इस बयान पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
जेपी नड्डा बोले- राहुल ने भारत से जंग छेड़ दी है
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, “राहुल गांधी ने साफ कर दिया है कि वे भारत से लड़ रहे हैं। कांग्रेस का गंदा सच उनके नेता ने ही उजागर कर दिया है। वे भारत को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।” नड्डा ने इसे कांग्रेस का ऐतिहासिक चरित्र बताया।
राहुल गांधी के बयान की मुख्य बातें
1. भागवत का बयान देशद्रोह
राहुल गांधी ने RSS प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका बयान देशद्रोह के बराबर है। उन्होंने कहा, “भागवत का कहना कि 1947 में भारत को सच्ची आजादी नहीं मिली, स्वतंत्रता सेनानियों और संविधान का अपमान है। यह हमारे संविधान पर सीधा हमला है। अगर यह बयान किसी और देश में दिया गया होता, तो उनके खिलाफ केस दर्ज होता।”
2. क्या गुरुनानक, बुद्ध और कृष्ण RSS की विचारधारा से हैं?
राहुल ने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा हजारों साल पुरानी है, जो समानता और भाईचारे की बात करती है। “हमारे प्रतीक शिव, गुरुनानक, कबीर और महात्मा गांधी हैं। क्या ये सभी RSS की विचारधारा का हिस्सा हैं? नहीं। ये सब लोगों को बराबरी और शांति का संदेश देते हैं।”
3. कांग्रेस संविधान के साथ, RSS इसके खिलाफ
राहुल गांधी ने कहा कि यह लड़ाई भाजपा और RSS जैसे राजनीतिक संगठनों के खिलाफ नहीं, बल्कि दो विचारधाराओं की है। “हमारा विचार संविधान का है, जबकि RSS का विचार इसके विपरीत है।”
4. चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल
राहुल ने कहा कि जांच एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को घेरने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उसे निष्पक्षता साबित करनी चाहिए। “हमें भरोसा कैसे होगा कि चुनाव पारदर्शी हो रहे हैं?”
भाजपा का पलटवार: कांग्रेस भारत को बदनाम करना चाहती है
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस भारत को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। “कांग्रेस का इतिहास उन ताकतों को बढ़ावा देने का है, जो देश को कमजोर करना चाहती हैं। राहुल गांधी के बयान से यह और स्पष्ट हो गया है।”
पृष्ठभूमि: भागवत का बयान
मोहन भागवत ने 13 जनवरी को इंदौर में कहा था कि “अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का दिन भारत की सच्ची आजादी का प्रतीक है।” इस बयान को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखी बहस छिड़ गई है।