नई दिल्ली:-मानसून सत्र आज से शुरू हो गया। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान NEET में हुई गड़बड़ी पर बोल रहे थे। इस दौरान विपक्ष ने हंगामा किया और उनके इस्तीफे की मांग की।
शिक्षा मंत्री बोले- मामला सुप्रीम कोर्ट में है और कोर्ट का जो भी निर्देश होगा हम उसे मानेंगे। कोर्ट ने सभी छात्रों के सिटी और सेंटर वाइज रिजल्ट जारी करने को कहा था, जो पब्लिक डोमेन में है।
राहुल गांधी ने कहा- देश को दिख रहा है कि परीक्षा सिस्टम में बहुत सी कमी है। शिक्षा मंत्री ने सबकी कमी गिना दी, लेकिन अपनी नहीं गिनाई। हमारा एग्जाम सिस्टम फ्रॉड है।
इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा- सिर्फ चिल्लाने से झूठ सच नहीं हो जाता। विपक्ष के नेता का यह कहना कि देश की परीक्षा प्रणाली बकवास है, बेहद निंदनीय है।
प्रधान ने कहा- 2010 में मनमोहन सिंह सरकार में कपिल सिब्बल शिक्षा सुधार के लिए 3 बिल लाए। उनमें से एक अनियमितता रोकने के लिए था। उसे किसके दबाव में वापस लिया गया।
क्या यह निजी मेडिकल कॉलेजों के दबाव के कारण था? और वे (राहुल गांधी) हमसे सवाल पूछ रहे हैं।
मोदी बोले- पिछले सत्र में विपक्ष ने मुझे बोलने से रोका; चुनाव में लड़ लिए, आइए अब देश के लिए लड़ें
मानसून सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी सुबह 10:15 बजे संसद पहुंचे और मीडिया से 21 मिनट बात की। उन्होंने कहा- संसद का मानसून सत्र सावन के पवित्र दिन पर शुरू हो रहा है।
मोदी बोले- जून में नई संसद के गठन के बाद देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने का प्रयास किया गया। मुझे इसका कोई दुख नहीं है। इस बार हम मजबूत बजट लेकर आ रहे हैं।
विपक्ष से अपील है- लोकसभा चुनाव में जितनी लड़ाई लड़नी थी हमने लड़ ली। जनता को जो बताना था बता लिया, वो दौर समाप्त हो गया। अगले 5 साल देश के लिए लड़ना और जूझना है।