राजस्थान विधानसभा में बुधवार को जिले खत्म करने के मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ। पहले स्पीकर वासुदेव देवनानी ने विपक्ष को शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाने की अनुमति दी, लेकिन बाद में फैसला वापस ले लिया। इस पर कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हो गई। हंगामा बढ़ने पर स्पीकर ने सदन को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया, लेकिन कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी गतिरोध जारी रहा।
प्रश्नकाल में भी टकराव, कांग्रेस विधायक ने मंत्री पर कसा तंज
प्रश्नकाल शुरू होते ही सदन में खींचतान शुरू हो गई। स्पीकर ने सवालों के जवाब पढ़े हुए माने जाने की व्यवस्था लागू करने की घोषणा की, जिसका मंत्रियों ने विरोध किया।
इस बीच, कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने जनजातीय क्षेत्रों में महिला छात्रावास खोलने के मुद्दे पर मंत्री बाबूलाल खराड़ी से सवाल किया। मंत्री ने जवाब दिया कि उनके विभाग के नियमों में महिला छात्रावास खोलने का प्रावधान नहीं है। इस पर घोघरा ने तंज कसते हुए कहा, “अगर आप जनजाति विकास नहीं कर सकते, तो फिर मंत्री क्यों बने हैं?”
स्पीकर ने घोघरा की टिप्पणी पर आपत्ति जताई और उन्हें मंत्री पर सीधी टिप्पणी करने से रोका। लेकिन घोघरा ने शिक्षा और आदिवासी छात्रों के नामांकन को लेकर सवाल उठाना जारी रखा।
बीजेपी विधायक ने नए जिले की मांग उठाई
जब कांग्रेस विधायक जिले खत्म करने के मुद्दे पर हंगामा कर रहे थे, तब महुआ से भाजपा विधायक राजेंद्र मीणा ने नए जिले की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि महुआ तहसील के अंतिम गांव की दौसा से दूरी 120 किलोमीटर है, इसलिए इसे नया जिला घोषित किया जाना चाहिए।
सदन में नारेबाजी जारी, स्पीकर ने 7 फरवरी को चर्चा का दिया आश्वासन
हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। दोबारा कार्यवाही शुरू होने के बाद भी कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी जारी रखी। स्पीकर ने आश्वासन दिया कि जिलों के मुद्दे पर 7 फरवरी को आधे घंटे की चर्चा होगी, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस विधायक शांत नहीं हुए और शून्यकाल में वेल में आकर प्रदर्शन जारी रखा।
संसदीय कार्यमंत्री ने कोर्ट का हवाला दिया
संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने तर्क दिया कि जिले और संभाग खत्म करने का मुद्दा हाईकोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए विधानसभा में इस पर चर्चा नहीं हो सकती। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आपत्ति जताते हुए कहा कि केवल दो जिलों का मामला कोर्ट में है, बाकी जिलों पर चर्चा हो सकती है। लेकिन स्पीकर ने आज इस मुद्दे पर चर्चा नहीं कराने का फैसला लिया, जिससे कांग्रेस विधायकों ने फिर हंगामा किया और सदन की कार्यवाही दोबारा स्थगित करनी पड़ी।
पूर्व कांग्रेस विधायक पर जमीन विवाद का मामला भी उठा
प्रश्नकाल के दौरान पूर्व कांग्रेस विधायक खुशवीर सिंह जोजावर पर जमीन हड़पने का मामला उठा, जिससे सदन में तनाव बढ़ गया। भाजपा विधायक केसाराम चौधरी ने राजस्व मंत्री के जवाब को अधूरा बताते हुए नाराजगी जताई।
राजस्व मंत्री हेमंत मीणा ने बताया कि ओरण भूमि के अवैध आवंटन में खुशवीर सिंह जोजावर सहित अन्य लोग शामिल थे। इस पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा, “कांग्रेसियों को शर्म आनी चाहिए, उन्होंने भगवान की जमीन तक हड़प ली।”
इस बयान पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कड़ी आपत्ति जताई, जिससे दिलावर और जूली के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। स्पीकर ने माहौल शांत करने की कोशिश की और कहा कि अगर हंगामा जारी रहा तो सदन सुचारू रूप से नहीं चल पाएगा।
सदन में तनाव बरकरार, आगे की चर्चा पर नजरें टिकीं
जिलों के मुद्दे पर विपक्ष के आक्रामक रुख और सरकार के रुख को देखते हुए सदन में तनाव बरकरार है। अब सबकी नजरें 7 फरवरी की तय चर्चा पर टिकी हैं, जहां इस विषय पर विस्तृत बहस होने की संभावना है।