मेडिकल एंट्रेस परीक्षा NEET-2024 विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार, 8 जुलाई को 2 घंटे 20 मिनट तक सुनवाई हुई। अदालत ने NTA को गड़बड़ी से फायदा उठाने वाले कैंडिडेट्स की जानकारी देने और CBI को जांच का अब तक का अपडेट देने को कहा है।
वहीं, केंद्र सरकार से NTA में सुधार के लिए बनी एक्सपर्ट कमेटी की जानकारी मांगी है। इसके अलावा री-एग्जाम की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं से अधिकतम 10 पेज की कंसोलिडेटड रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने कहा कि सभी बुधवार शाम 5 बजे तक अपने जवाब सौंपें। मामले की अगली सुनवाई अब 11 जुलाई को होगी।
कोर्ट ने माना- पेपर लीक हुआ है
सुनवाई के दौरान CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘ये साफ है कि पेपर लीक हुआ है। सवाल ये है कि इसका दायरा कितना बड़ा है। ये समझना जरूरी है कि पेपर लीक कितना व्यापक है? सिर्फ दो लोगों की गड़बड़ी की वजह से पूरा एग्जाम कैंसिल नहीं किया जा सकता। हम ये जानना चाहते हैं कि NTA और सरकार ने अब तक पेपर लीक के आरोपियों को पहचानने के लिए क्या कदम उठाए हैं।’
CJI ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, ‘ सरकार से पूछकर बताएं कि क्या हम साइबर फोरेंसिक विभाग के डेटा एनालिटिक्स यूनिट के जरिए पता नहीं लगा सकते है कि क्या पूरी परीक्षा प्रभावित हुई है? क्या गलत काम करने वालों की पहचान करना संभव है? इस तरह हम उन छात्रों के बारे में जानकारी जुटा सकते हैं, जिन्होंने गड़बड़ी कर फायदा उठाया है।
38 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रहा है सुप्रीम कोर्ट
कोर्ट 38 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रहा है। इनमें से 34 याचिकाएं स्टूडेंट्स, टीचर्स और कोचिंग इंस्टीट्यूट्स ने, जबकि 4 याचिकाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने लगाई हैं।
5 मई को हुई थी NEET, 24 लाख छात्र बैठे थे
इस साल 5 मई को NEET परीक्षा हुई थी। 571 शहरों के 4,750 परीक्षा केंद्रों पर लगभग 24 लाख अभ्यर्थी इसमें शामिल हुए थे, लेकिन यह परीक्षा पहले ही विवादों में आ गई थी।
पेपर लीक और 1563 स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क देने के बाद कई छात्रों ने धांधली और गड़बड़ी का आरोप लगाया था। इसे लेकर कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। विपक्षी दलों ने संसद में यह मुद्दा उठाया।
सरकार ने सफाई दी। इस बीच राज्यों के हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा छात्रों ने खटखटाया।