नई दिल्ली:-दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने ED से कई सवाल पूछे। जस्टिस संजीव खन्ना ने ED से पूछा कि दिनेश अरोड़ा इस मामले में आरोपी थे और फिर वे सरकारी गवाह बन गए। ऐसे में उनके बयान पर कैसे भरोसा किया जा सकता है?
कोर्ट ने ED से पूछा कि आखिर सिसोदिया के खिलाफ सबूत कहां हैं? क्या शराब नीति केस में पैसों का लेन-देन हुआ है? क्या रिश्वत दी गई है? अगर ऐसा हुआ है तो उनके खिलाफ सबूत भी होना चाहिए। अब मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी।
ED ने AAP सांसद संजय को गिरफ्तार किया
ED ने बुधवार को AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के घर पर छापेमारी की। करीब 10 घंटे की कार्रवाई के बाद जांच एजेंसी ने संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया। गुरुवार (5 अक्टूबर) को उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में लाया गया। ED ने संजय सिंह की 10 दिन की रिमांड मांगी है। एजेंसी ने कहा है कि हमें डिजिटल डेटा निकालना है। संजय को दूसरे लोगों के साथ बिठाकर पूछताछ करनी है।
सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया के बाद संजय सिंह AAP के तीसरे बड़े नेता हैं, जिन्हें केंद्रीय एजेंसी ने गिरफ्तार किया है। संजय सिंह की गिरफ्तारी के विरोध में आम आदमी पार्टी गुरुवार सुबह 11 बजे से भाजपा मुख्यालय पर प्रदर्शन कर रही है। पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया है।
दिल्ली शराब घोटाले में AAP को आरोपी बनाने की तैयारी
इस पूरे मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) को भी आरोपी बनाया जा सकता है। ED के सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी इसके लिए कानूनी सलाह ले रही है। सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले ED से पूछा था कि अगर PMLA के तहत शराब नीति से एक राजनीति पार्टी को फायदा पहुंचा, तो फिर वह पार्टी इस केस में शामिल क्यों नहीं है?
कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जांच एजेंसी से पूछा था- शराब नीति से सीधे राजनीतिक पार्टी को फायदा हुआ, तो वह मामले में आरोपी या पक्षकार क्यों नहीं है? कोर्ट के रुख के बाद जांच एजेंसी अब कानूनी सलाह ले रही है।
सिसोदिया के बाद 7 महीने में दूसरी हाई प्रोफाइल गिरफ्तारी
शराब नीति घोटाले में मनीष सिसोदिया को सात महीने पहले 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। CBI का आरोप है कि सिसोदिया ने एक्साइज मिनिस्टर होने के नाते मनमाने और एकतरफा फैसले लिए, जिससे खजाने को भारी नुकसान पहुंचा और शराब कारोबारियों को फायदा हुआ।
जनवरी में ED की चार्जशीट में जुड़ा था संजय सिंह का नाम ED ने इसी साल जनवरी में अपनी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम जोड़ा था। दरअसल, शराब नीति घोटाले में आरोपी से सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा ने कहा है कि उसके रेस्तरां में संजय सिंह और दिल्ली के बार-रेस्तरां मालिकों के बीच बैठक हुई थी।
इसमें मौजूद मनीष सिसोदिया ने भरोसा दिया था कि दोबारा सरकार बनने पर आबकारी नीति बनाते वक्त शराब कारोबारियों के हितों का ख्याल रखा जाएगा। अरोड़ा ने पार्टी फंड में 82 लाख दिए और वह सीएम केजरीवाल से मिला। ED की चार्जशीट में नाम जोड़े जाने पर संजय सिंह ने काफी हंगामा मचाया था।
उन्होंने दावा किया कि ED ने उनका नाम गलती से जोड़ दिया है। इस पर ED ने जवाब दिया कि हमारी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम चार जगह लिखा गया है। इनमें तीन जगह नाम सही लिखा है। सिर्फ एक जगह टाइपिंग की गलती हो गई थी।
इसके बाद ED ने संजय सिंह को मीडिया में बयानबाजी न करने की सलाह दी थी, क्योंकि मामला कोर्ट में लंबित है। 2 मई को ED की दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट जारी की गई थी। इसमें आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का भी नाम सामने आया था। हालांकि उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है।
केजरीवाल बोले- जितने छापे करा लें, कुछ नहीं मिलेगा
संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा- ईमानदारी का रास्ता बहुत कठिन रास्ता होता है। इन लोगों ने हमें बदनाम करने की कोशिश की। कहते हैं 100 करोड़ का घोटाला है। 1000 से ज्यादा रेड मार चुके हैं, लेकिन अब तक एक चवन्नी तक नहीं मिला है।
केंद्र सरकार सिर से पैर तक भ्रष्टाचार में डूबी है। कल जब इनकी सरकार नहीं रहेगी और इनके कारनामों की जांच की जाएगी तब पता चलेगा कि इन्होंने कितना भ्रष्टाचार किया है। उस भ्रष्टाचार के खिलाफ संसद के अंदर और बाहर संजय सिंह की आवाज थी जो मोदी जी से बर्दाश्त नहीं हो रही थी।
मनोज तिवारी का दावा- शराब घोटाले की आंच केजरीवाल तक जाएगी
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा- आज आम आदमी पार्टी के तीसरे स्तम्भ की गिरफ्तार हुई है। ये आंच सत्येंद्र जैन से चलकर मनीष सिसोदिया और फिर संजय सिंह तक पहुंची हैं। मेरा मन कहता है कि ये बहुत जल्द अरविंद केजरीवाल के गिरेबान तक जाने वाली है।
संजय सिंह की गिरफ्तारी पर किसने क्या कहा…
दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज- यह एक काल्पनिक घोटाला है, जिसमें पिछले 15 महीने से छान-बीन चल रही है। कम से कम 1 हजार जगहों पर ED और CBI छापेमारी कर चुकी हैं, लेकिन कहीं से भी 1 रुपया बरामद नहीं हुआ।
आप सांसद राघव चड्ढा- संसद में भाजपा सरकार के खिलाफ बुलंदी से आवाज उठाने वाले आप सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। पहले पत्रकारों पर और अब विपक्ष को एजेंसियों के सहारे दबाने की कोशिश हमारे लोकतंत्र पर हमला है। ये गिरफ्तारी भाजपा की INDIA से घबराहट दिखाती है।
शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद संजय राउत- संजय सिंह सांसद हैं और निर्भय पत्रकार रहे हैं। हमारे ऊपर छापेमारी होती है, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड में होती है, लेकिन गुजरात, मध्य प्रदेश, असम और अन्य जहां उनकी (भाजपा) सरकार है, उधर छापेमारी क्यों नहीं होती?
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी- जबरदस्ती, दमन, भय और आतंक का माहौल पत्रकारों के खिलाफ और उन नेताओं के खिलाफ कायम करना चाहती है जो विरोधी दल के हैं, विशेषकर जो INDIA गठबंधन से जुड़े हैं।
बसपा सांसद दानिश अली- ये सरकार विरोध की हर आवाज को कुचल देना चाहती है। जो इनके खिलाफ तथ्यों के साथ बोलता है, उस हर आवाज को दबाने का काम करती है।