सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि NEET-UG परीक्षा में सिस्टमेटिक ब्रीच नहीं हुआ है यानी इस परीक्षा में सिलसिलेवार गड़बड़ियां नहीं मिली हैं। पेपर केवल दो सेंटर पटना और हजारीबाग में लीक हुआ। कोर्ट ने NTA की मॉनिटरिंग के लिए बनाई गई एक्सपर्ट कमेटी से कहा है कि वह NEET परीक्षा के लिए SOP तैयार करे। साथ ही साइबर सिक्योरिटी में खामियां की पहचान भी करे। कमेटी से 30 सितंबर तक जवाब मांगा गया है।
केंद्र सरकार ने NTA के पूरे सिस्टम की जांच के लिए 22 जून को ISRO के पूर्व चेयरमैन के राधाकृष्णनन की अगुआई में एक्सपर्ट कमेटी बनाने की घोषणा की थी। कोर्ट ने इस कमेटी से 8 पॉइंट्स पर काम करने को कहा है।
- एग्जाम सेंटर अलॉट करने की प्रोसेस को बेहतर करें।
- एग्जाम सेंटर्स की CCTV से निगरानी करें।
- आइडेंटिटी वेरिफिकेशन की प्रोसेस मजबूत बनाएं।
- एग्जाम सेंटर्स तक प्रश्न पत्र पहुंचाने के पुख्ता इंतजाम करें।
- शिकायतों की जांच और उन्हें दूर करने के लिए पोर्टल बनाएं।
- NTA में अलग से इवैल्यूएशन कमेटी बनाएं।
- साइबर सिक्योरिटी मैनेजमेंट के लिए इंटरनेशनल एजेंसियों की मदद लें।
- स्टूडेंट्स, एग्जाम सेंटर के स्टाफ और टीचर्स की काउंसलिंग करें।
NEET विवाद पर 40 याचिकाओं की सुनवाई हुई
सुप्रीम कोर्ट में NEET में गड़बड़ियों से जुड़ी 40 याचिकाएं दाखिल हुई थीं। इन पर 23 जुलाई सुनवाई पूरी हो गई थी। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। हालांकि तब कोर्ट ने कहा था कि NEET परीक्षा दोबारा नहीं होगी, क्योंकि पूरी परीक्षा में गड़बड़ी के पर्याप्त सबूत नहीं हैं। जांच में दोषी मिलने वाले को एडमिशन नहीं मिलेगा और उस पर कार्रवाई भी होगी।
NTA ने 25 जुलाई NEET-UG 2024 का रिवाइज्ड रिजल्ट घोषित कर दिया था। इसके बाद ऑल इंडिया रैंक में पहले नंबर पर 17 कैंडिडेट्स रह गए हैं। शुरुआत में इनकी संख्या 67 थी, जबकि ग्रेस मार्क्स हटाने के बाद पहले स्थान पर आने वाले कैंडिडेट्स की संख्या 61 हो गई थी।