सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनज़र राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे 12वीं तक के स्कूलों को बंद करने पर जल्द फैसला लें। इसके साथ ही, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के गंभीर स्तर को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज 3 और स्टेज 4 के सभी प्रतिबंधों को लागू करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि स्टेज 3 की पाबंदियां लागू करने में क्यों देरी की गई। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने स्पष्ट किया कि जब तक कोर्ट का अगला आदेश नहीं आता, तब तक स्टेज 4 के तहत सभी प्रतिबंध लागू रहेंगे, भले ही AQI 450 से नीचे चला जाए। अदालत ने राज्य सरकारों से कहा कि वे 10वीं और 12वीं कक्षा की फिजिकल क्लासेस बंद करने पर त्वरित निर्णय लें।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश:
- दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारें तुरंत स्टेज 4 के तहत प्रतिबंध लागू करें और इनका सख्ती से पालन सुनिश्चित करें।
- राज्य सरकारें एक विशेष टीम का गठन करें, जो स्टेज 4 के लागू होने के बाद स्थिति पर नजर रखे।
- यदि किसी प्रतिबंध का उल्लंघन होता है, तो उसका त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी मैकेनिज़म तैयार किया जाए।
- जब तक कोर्ट का अगला आदेश नहीं आता, तब तक स्टेज 4 के तहत प्रतिबंध लागू रहेंगे, भले ही AQI 450 से नीचे आ जाए।
- दिल्ली-एनसीआर में 10वीं और 12वीं की क्लासेस अभी भी चल रही हैं, ऐसे में राज्य सरकारें तुरंत स्कूल बंद करने का निर्णय लें।
GRAP के तहत स्टेज की व्याख्या:
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के चार स्तर होते हैं:
- स्टेज I (खराब): AQI 201-300
- स्टेज II (बहुत खराब): AQI 301-400
- स्टेज III (गंभीर): AQI 401-450
- स्टेज IV (गंभीर प्लस): AQI 450 से ऊपर
कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि जब AQI 300 से ऊपर गया, तो स्टेज 3 के प्रतिबंधों को लागू करने में तीन दिन की देरी क्यों की गई। केंद्र ने बताया कि मौसम विभाग ने आशंका जताई थी कि प्रदूषण जल्द कम हो जाएगा, लेकिन कोर्ट ने इस तर्क को अस्वीकार करते हुए कहा कि गंभीर परिस्थितियों में इस तरह की देरी नहीं की जा सकती।
अधिवक्ता अपराजिता सिंह की याचिका:
यह मामला वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह की याचिका पर विचार करते हुए उठाया गया, जिन्होंने प्रदूषण की बढ़ती स्थिति को देखते हुए त्वरित सुनवाई की मांग की थी। याचिका में यह आरोप लगाया गया था कि दिल्ली सरकार प्रदूषण नियंत्रण के उपायों में नाकाम रही है, और दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बनने से बचाना जरूरी है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट के निर्देश:
सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी प्रदूषण के गंभीर हालात पर चिंता जताई थी। 14 नवंबर को, कोर्ट ने पूछा था कि जब प्रदूषण का स्तर गंभीर था, तो पूर्व-एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए गए। कोर्ट ने सीएक्यूएम (कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट) से स्पष्टीकरण भी मांगा कि प्रदूषण को बढ़ने से पहले स्टेज 3 क्यों लागू नहीं किया गया।
अक्टूबर और नवंबर में, कोर्ट ने दीवाली के दौरान पटाखों पर बैन को लेकर भी आदेश दिए थे और कहा था कि यह नागरिकों का मौलिक अधिकार है कि वे स्वच्छ हवा में सांस लें।