नई दिल्ली:-AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट केस की जांच के लिए दिल्ली पुलिस CM हाउस पहुंची। पुलिस ने मारपीट के समय के CCTV फुटेज और DVR कलेक्ट किए हैं।
मारपीट के आरोपी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पर्सनल असिस्टेंट बिभव कुमार को 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
बिभव को CM हाउस से ही शनिवार शाम 4:30 बजे गिरफ्तार किया गया था। देर रात उन्हें तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया।
दिल्ली पुलिस ने बिभव की 7 दिन की कस्टडी मांगी थी। दिल्ली पुलिस की ओर से एडवोकेट अतुल श्रीवास्तव ने बिभव की कस्टडी पर दलीलें दीं। बिभव को 23 मई को अदालत में पेश किया जाएगा।
बिभव की गिरफ्तारी के बाद मालीवाल ने शनिवार रात सोशल मीडिया पर पोस्ट की। उन्होंने लिखा कि बिभव ने उन्हें थप्पड़ और लातें मारीं।
मालीवाल ने आरोप लगाया है कि बिभव ने 13 मई को सीएम हाउस में मारपीट और बदसलूकी की। उनके कपड़े तक फट गए थे। स्वाति ने 16 मई को शाम 6:15 बजे FIR करवाई थी।
स्वाति के X पर दो पोस्ट
पुलिस ने कोर्ट में बिभव पर लगाए 4 आरोप
1. शिकायत करने वाली राज्यसभा सांसद हैं। उन्हें बुरी तरह पीटा गया। संवेदनशील अंगों पर हमला किया गया।
2. हमने फुटेज के लिए DVR मांगी, हमें पेन ड्राइव दी गई, जो खाली थी।
3. पुलिस को एक आई फोन दिया गया। बिभव इसका पासवर्ड नहीं शेयर कर रहे हैं। यह फोन फॉर्मेट कर दिया गया है।
4. गवाहों पर आरोपी का प्रभाव है। उसे बर्खास्त कर दिया गया था, तब वो मुख्यमंत्री आवास कैसे पहुंचा। हमें जांच करनी है कि वो असामाजिक तत्वों से जुड़ा है या नहीं।
रिमांड के खिलाफ बिभव के वकील की 6 दलीलें
1. बिभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने कहा। घटना 13 मई को हुई, तब स्वाति ने FIR के लिए 3 दिन तक इंतजार क्यों किया। सीएम हाउस जाने के लिए स्वाति ने पहले अपॉइंटमेंट नहीं लिया, ना ही इजाजत मांगी।
2. राजीव मोहन ने कहा कि मुख्यमंत्री पब्लिक फिगर हैं, लेकिन हर वक्त नहीं। दिल्ली पुलिस तथ्यों को तोड़-मरोड़ रही है। स्वाति ने PCR कॉल पर शिकायत की। उन्हें पीटा गया तो 13 मई को FIR क्यों नहीं की। कौन सी चीज रोक रही थी।
3. स्वाति की कॉल पर पुलिस पहुंचीं, पर स्वाति को अस्पताल नहीं ले जाया गया। PCR कॉल रिकॉर्डेड होती हैं और अफसर रिपोर्ट फाइल करता है। स्वाति पुलिस स्टेशन गईं और घटना के बारे में बताया था। उन्होंने शिकायत दर्ज नहीं कराई।
4. किसी भी ट्रीटमेंट का कोई जिक्र नहीं है। कोई मेडिकल डॉक्यूमेंट्स या एमएलसी रिकॉर्ड पर नहीं है। 16 मई तक कोई खबर नहीं थी। FIR में लिखा गया है कि कोई देरी नहीं की गई।
5. सीएम हाउस के ड्राइंग रूम में कोई CCTV नहीं है। गेट पर कोई कैमरा नहीं है। यह हमारे कंट्रोल में नहीं है। पुलिस डेटा डिपार्टमेंट से ले सकती है। इस मामले में किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया गया है। ऐसे में 7 दिन की रिमांड जरूरी नहीं है।
6. शिकायत करने वाले से वॉट्सऐप पर कोई झगड़ा ना हुआ हो तो फोन फॉर्मेट करने का सवाल कहां से उठता है। आरोपी को पासवर्ड देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। गिरफ्तारी जल्दबाजी में की गई। हमने एंटीसिपेटरी बेल की एप्लीकेशन दी थी। गिरफ्तारी की जरूरत नहीं थी। गिरफ्तारी उचित नहीं है, ऐसे में रिमांड नहीं दी जानी चाहिए।
घटना के दिन का पहला वीडियो
स्वाति मालीवाल से बदसलूकी और मारपीट का 17 मई की सुबह एक वीडियो सामने आया था। दावा किया गया कि वीडियो CM आवास का है। इसमें स्वाति सोफे पर बैठी दिखीं। बिभव बाहर निकले और सिक्योरिटी पर्सनल को अंदर भेजा। बिभव ने स्टाफ से कहा कि स्वाति मालीवाल को बाहर निकाला जाए।
13 मई को सुबह 9 बजे CM हाउस पहुंचीं स्वाति, 16 मई की शाम FIR की
स्वाति मालीवाल 13 मई को अरविंद केजरीवाल से मिलने सुबह करीब 9 बजे CM हाउस पहुंची थीं। उन्होंने आरोप लगाया था कि बिभव कुमार ने उनके साथ मारपीट और बदसलूकी की। उनके कपड़े तक फट गए थे। स्वाति ने घटना के तीन दिन बाद 16 मई को शाम 6:15 बजे दिल्ली पुलिस में FIR करवाई थी।
17 मई को रात 12 बजे के आसपास दिल्ली पुलिस ने AIIMS में मालीवाल का मेडिकल करवाया था। शनिवार (18 मई) को रिपोर्ट आई, जिसमें मालीवाल की आंख और पैर में चोट के निशान मिले। रिपोर्ट आने के कुछ घंटे बाद ही दिल्ली पुलिस CM हाउस पहुंची और बिभव कुमार को अरेस्ट कर लिया।