सौरव गांगुली के नाम पर सियासत शुरू, अमित शाह का नाम लेकर TMC ने जमकर घेरा, आरोपों से भाजपा का इंकार

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Kolkata : सौरभ गांगुली को BCCI अध्यक्ष पद छोड़ने की खबरों के बीच पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। टीएमसी का कहना है कि भाजपा ने कई बार गांगुली को पार्टी में शामिल करने की कोशिश की थी। पार्टी का कहना है कि पूर्व क्रिकेटर राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार हो गए हैं।

टीएमसी नेता डॉक्टर शांतनु सेन ने कहा, ‘अमित शाह कुछ महीनों पहले सौरव गांगुली के आवास पर गए थे। जानकारी है कि गांगुली से बार-बार भाजपा में शामिल होने के लिए संपर्क किया जा रहा था। शायद उन्होंने भाजपा में शामिल होने में सहमति नहीं जताई और वह बंगाल से हैं इसलिए वह राजनीतिक प्रतिशोध के शिकार हो गए।’ खास बात है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कुछ समय पहले पूर्व क्रिकेटर के घर खाने पर पहुंचे थे।

जैसे ही BCCI अध्यक्ष पद की दौड़ से गांगुली का नाम बाहर होने की खबरें सामने आईं, तो टीएमसी ने भाजपा को घेरना शुरू कर दिया था। सेन ने ट्वीट किया, ‘राजनीतिक प्रतिशोध का एक और उदाहरण। अमित शाह के बेटे सचिव के तौर पर बने रहे, लेकिन सौरव गांगुली नहीं। क्या इसकी वजह उनका ममता बनर्जी के राज्य से होना है या उन्होंने भाजपा ज्वाइन नहीं की इसलिए? दादा हम आपके साथ हैं।’

इधर, भाजपा ने सभी आरोपों से इनकार किया है कि गांगुली क्रिकेट दिग्गज हैं और बीसीसीआई के फैसले का राजनीति से कोई लेनादेना नहीं है। भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने कहा, ‘यह क्रिकेट की दुनिया से जुड़ा मामला है और क्रिकेट से जुड़े लोग ही इसपर टिप्पणी कर सकते हैं। इसका राजनीति से कोई लेनादेना नहीं है। टीएमसी को भाजपा पर हमला करने के लिए कोई मुद्दा नहीं मिला और इसलिए वह इसका राजनीतिकरण कर रही है।’

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है, ‘हमें नहीं पता कि भाजपा ने कब गांगुली को पार्टी में शामिल करने की कोशिश की। वह क्रिकेट के दिग्गज हैं। कुछ लोग बीसीसीआई में हुए बदलाव पर मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं। जब वह बीसीसीआई अध्यक्ष बने थे, तो क्या इसमें उनकी कोई भूमिका थी? टीएमसी को हर मुद्दे का राजनीतिकरण बंद करना चाहिए।’

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