राजस्थान के टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के दौरान भारी हंगामा देखने को मिला। समरावता गांव में निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा द्वारा एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद स्थिति बेकाबू हो गई। इस घटना के बाद, ग्रामीणों ने पोलिंग पार्टियों को वोटिंग समाप्त होने के बाद रोकने का प्रयास किया।
इसके परिणामस्वरूप, पुलिस और स्थानीय ग्रामीणों के बीच जबरदस्त पथराव हुआ। उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, जबकि गुस्साए ग्रामीणों ने टोंक के एसपी विकास सांगवान की गाड़ी भी तोड़ दी। पुलिस ने करीब रात 9 बजे नरेश मीणा को हिरासत में लिया, जिससे उनके समर्थक और भड़क गए। इसके बाद सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों को घेर लिया और मीणा को छुड़ा लिया।
इस घटनाक्रम के बाद, पुलिस ने समरावता गांव और उसके आसपास के इलाकों में रातभर छापेमारी की। अब तक 60 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और इस संघर्ष में 50 से ज्यादा ग्रामीण तथा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने गांव में कई गाड़ियों में आग लगा दी और उनके बच्चों को उठा लिया। रातभर चल रही पुलिस कार्रवाई के बाद, 100 से अधिक लोग गांव छोड़कर भाग गए। वहीं, गुरुवार सुबह भी पुलिस आरोपियों की तलाश जारी है। नरेश मीणा की गिरफ्तारी के लिए भी दबिश दी जा रही है, हालांकि, उन्होंने बुधवार रात को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि वह सुरक्षित हैं और ठीक हैं।