महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में पास हुआ:5 दिन का विशेष सत्र 4 दिन में खत्म,लोकसभा-राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

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नई दिल्ली:-संसद के स्पेशल सेशन के चौथे दिन राज्यसभा में भी महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) सर्वसम्मति से पास हो गया है। बिल के खिलाफ किसी ने वोट नहीं दिया। अब यह बिल राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा। यह बिल लोकसभा में कल (बुधवार को) पास हुआ था। प्रक्रिया पूरी होने के बाद महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33% आरक्षण मिलेगा।

पीएम ने सर्वसम्मति से बिल पारित करने की अपील की थी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- हमने बिल पर सार्थक चर्चा की है, भविष्य में इस चर्चा का एक एक शब्द काम आने वाला है। हर शब्द का अपना मूल्य है, महत्व है।

सभी सांसदों ने अपने बयान के शुरुआत में कहा कि मैं बिल का समर्थन करता हूं। इसके लिए सबका आभार। यह इससे देश के जन-जन में आत्मविश्वास पैदा करेगा। सभी सांसदों और दलों ने बहुत अहम भूमिका निभाई है। सभी सांसदों से अनुरोध है कि सर्व सम्मति से इसे पास करें।

उपराष्ट्रपति से खड़गे बोले- आपको पहले से पता था बिल आने वाला है, हमें नहीं
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- मैं और मेरी पार्टी इस बिल का समर्थन करती है। यह बिल आने वाले है हमें इसकी जानकारी पहले से नहीं थी। लेकिन उपराष्ट्रपति जी को पहले से पता था कि बिल आने वाला है। आपने 4 सितंबर को जयपुर में कहा था- वो दिन दूर नहीं जब देश की संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिलेगा।

उन्होंने कहा- अमित शाह ने पहले कहा था- 2 करोड़ नौकरियां देंगे, 15-15 लाख सबके खाते में देंगे। बाद में उनसे पूछा गया कब देंगे तो कहा- ये तो चुनावी जुमला था। मैं चाहता हूं कि महिला आरक्षण बिल जुमला न बने, इसे लागू किया जाए। जैसे आपने नोटबंदी का निर्णय तुरंत लिया था, वैसे ही आरक्षण लागू करने का फैसला भी तुरंत लीजिए।

वित्त मंत्री ने नरसिंहाराव सरकार को क्रेडिट दी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- मैं पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की सरकार को श्रेय देना चाहती हूं, उन्होंने महिलाओं को पंचायत राज में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया था। इससे हमने पंचायत स्तर पर प्रगति देखी है। आज कई राज्यों में 33% आरक्षण को बढ़ाकर 50% किया गया है।

मेघवाल ने बिल पेश किया, नड्‌डा-खड्गे में बहस हुई
गुरुवार को कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने राज्यसभा में बिल पेश किया। इसके बाद कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने बिल के नाम पर आपत्ति जताते हुए कहा कि महिलाओं को वंदन नहीं, समानता चाहिए।

इसके बाद भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा- ये बिल महिलाओं पर अहसान नहीं, बल्कि उनका वंदन और अभिनंदन है। अगर ये बिल आज पास होता है तो 2029 तक 33% महिलाएं सांसद बनकर आ जाएंगी। वहीं, खड़गे ने कबीर का दोहा ‘काल करे सो, आज कर’ सुनाया और तुरंत आरक्षण लागू करने की मांग की।

जेपी नड्डा ने जवाब दिया कि भाजपा का उद्देश्य राजनीतिक फायदा लेने का नहीं है। सरकार नियमों से काम करती है और पक्का काम करने में विश्वास रखती है। इस पर विपक्षी सांसद ‘नो-नो’ करने लगे तो नड्डा ने कहा कि कि ‘नो-नो’ करने वालों को शासन करना नहीं आया। अगर शासन करना आता तो पता होता कि नियम-कानून भी कोई चीज है।

उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो सिल्वर स्पून के साथ पैदा होते हैं, उन्हें गरीबों की परेशानियां नहीं पता होतीं। एक लीडर को लीडर बनना पड़ता है, सिखाए हुए बयान देने से काम नहीं चलता।

​​​​​​​जया बच्चन स्पीकर से बोलीं- आपकी कुर्सी पर दोबारा बैठना चाहूंगी
सपा की राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने कहा- आखिरी में बोलने का नुकसान ये है कि बोलने को कुछ बचता ही नहीं। इस पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा- इतने हिस्सों में बंट गया मैं, मेरे हिस्से में कुछ बचा ही नहीं।
इस पर जया बच्चन ने उनकी कुर्सी की तरीफ करते हुए कहा- आपकी कुर्सी झूले की तरह है, मैं इस पर दोबारा बैठना चाहूंगी। जया बच्चन को कुछ देर राज्यसभा की कार्यवाही चलाने की जिम्मेदारी दी गई थी।

लोकसभा में सुबह 11 बजे जब कार्यवाही शुरू हुई तो सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोलने के लिए खड़े हुए। उन्होंने कहा कि कल भारत की संसदीय यात्रा का एक स्वर्णिम पल था। उस पल के हकदार इस सदन के सभी सदस्य हैं। सभी दल के सदस्य हैं। सभी दल के नेता भी हैं। सदन हों या सदन के बाहर हों, वे भी उतने ही हकदार हैं।

उन्होंने कहा, ‘मैं आज इस बहुत महत्वपूर्ण निर्णय में और देश की मातृशक्ति में एक नई ऊर्जा भरने में कल का निर्णय और आज राज्यसभा के बाद जब हम अंतिम पड़ाव भी पूरा कर लेंगे। यह पवित्र कार्य को करने के लिए आप सबने जो योगदान दिया है, समर्थन दिया है, सार्थक चर्चा की है। सदन के नेता के रूप में मैं आज आप सबका सच्चे दिल से आदरपूर्वक अभिनंदन करता हूं।

PM मोदी के संबोधन के बाद लोकसभा में चंद्रयान-3 की सफलता पर चर्चा हुई। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से सदन को मिशन के बारे में बताया। इसके बाद राजनाथ सिंह बोलने के लिए खड़े हुए।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने राजनाथ से पूछा कि क्या उनमें चीन मुद्दे पर चर्चा करने की हिम्मत है। इस पर राजनाथ सिंह ने कहा कि पूरी हिम्मत है, मैं चीन पर चर्चा करने के लिए तैयार हूं और सीना चौड़ा करके चर्चा करने के लिए तैयार हूं।

संसद की चौथे दिन की कार्यवाही के बड़े अपडेट्स…

  • कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल आज लोकसभा में एडवोकेट्स अमेंडमेंट बिल 2023 पेश करेंगे।
  • राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने वाइस-चेयरपर्सन का पैनल पुनर्गठित किया है। इसमें 13 महिला सांसदों को जगह दी गई। ये सांसद जगदीप धनखड़ की अनुपस्थिति में राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन करेंगी।
  • सरकार आज राज्यसभा में रिपीलिंग एंड अमेंडिंग बिल पेश कर सकती है। इस बिल में ऐसे 65 कानूनों को निरस्त करने का प्रावधान है, जो प्रचलन से बाहर हो गए हैं या दूसरे कानूनों की वजह से निरर्थक हो गए हैं। यह बिल पिछले साल जुलाई में लोकसभा में पास हो गया था।

लोकसभा में 20 सितंबर को महिला आरक्षण बिल पास, 60 सांसदों ने अपने विचार रखे

लोकसभा में बिल पर चर्चा में 60 सांसदों ने अपने विचार रखे। राहुल गांधी ने कहा कि OBC आरक्षण के बिना यह बिल अधूरा है। इस पर अमित शाह ने कहा कि यह आरक्षण सामान्य, SC और ST में समान रूप से लागू होगा। चुनाव के बाद तुरंत ही जनगणना और डिलिमिटेशन होगा और महिलाओं की भागीदारी जल्द ही सदन में बढ़ेगी। विरोध करने से रिजर्वेशन जल्दी नहीं आएगा। 

नई संसद में कामकाज के पहले दिन पेश हुआ था बिल
नई संसद में कामकाज के पहले दिन यानी 19 सितंबर को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) पेश किया गया। इस बिल के मुताबिक, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन लागू किया जाएगा।

लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। ये रिजर्वेशन 15 साल तक रहेगा। इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है। यह आरक्षण सीधे चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए लागू होगा। यानी यह राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा।