जयपुर:-राजस्थान सरकार के खिलाफ राजीव गांधी युवा मित्रों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले 16 दिनों से जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना दे रहे युवा मित्रों के बीच शुक्रवार को यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास पहुंचे। इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि 5000 युवाओं की हालत को देख मुझे किसान आंदोलन की याद आ गई। वहां भी सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए पानी तक बंद कर दिया था। यहां पर भी हालत बद से बद्तर हो चुके हैं। इन युवा मित्रों को धरने की परमिशन तक नहीं दी जा रही है। माइक तक बंद कर दिए हैं, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है।
बीवी श्रीनिवास ने कहा कि भाजपा के नेताओं को राजीव गांधी के नाम से ही आपत्ति है। जहां राजीव और गांधी नाम भाजपा नेताओं को दिखाई देता है, वह उस योजना को बंद कर देते हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेताओं को अगर कांग्रेस पार्टी के नेताओं के नाम से इतनी ही आपत्ति है, तो वह योजना का नाम बदल दें, लेकिन युवाओं से उनका रोजगार नहीं छीने। क्योंकि इससे ही उनके परिवार का पालन पोषण हो रहा था। बीवी ने कहा कि अगर राजस्थान की भाजपा सरकार ने समय रहते फिर से युवाओं को रोजगार नहीं दिया। तो कांग्रेस पार्टी ना सिर्फ राजस्थान बल्कि, देशभर में इसका विरोध करेगी।
यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अभिमन्यु पूनिया ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी विधानसभा से लेकर सड़क तक राजीव गांधी युवा मित्रों के साथ है। हमने सदन में भी युवा मित्रों की मांग को पुरजोर तरीके से उठाया है। अगर इसके बाद भी सरकार ने हमारी मांग को पूरा नहीं किया तो हम विधानसभा का घेराव करने से भी नहीं चूकेंगे।
बता दें कि पूर्व कांग्रेस सरकार के वक्त शुरू हुई राजीव गांधी युवा मित्र को भाजपा सरकार के गठन के बाद बंद कर दिया गया था। इसके बाद पिछले महीने दिसंबर में युवा मित्रों ने शहीद स्मारक पर 5 दिन (27 दिसंबर से 31 दिसंबर) का धरना दिया था। इसके बाद 13 जनवरी से एक बार फिर प्रदेशभर के युवा मित्र सरकार के खिलाफ शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं, लेकिन अब तक सरकार के स्तर पर इस मुद्दे पर कोई चर्चा तक नहीं हुई है। इसको लेकर अब युवाओं का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है।
इससे पहले शुक्रवार को टोंक से विधायक सचिन पायलट और आमेर विधायक प्रशांत शर्मा भी धरना दे रहे अभ्यर्थियों के बीच पहुंचे थे। इस दौरान सचिन पायलट ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए राजीव गांधी युवा मित्रों को फिर से नियुक्ति देने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि अगर सरकार को राजीव गांधी के नाम से ही आपत्ति है। तो वह इस योजना का नाम बदल दें, लेकिन कम से कम युवाओं को फिर से रोजगार तो मुहैया करवाएं।